लोकसभा में संसद सत्र के दौरान कोलकाता में सीबीआई विवाद को लेकर विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। इसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह कहा कि चिट फंड घोटाले की जांच को लेकर रविवार को कोलकाता में सीबीआई को काम करने से रोका गया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसी घटना हुई। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस मामले में जांच करने में सहयोग नहीं दे रही है।
बता दें कि क लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस और कुछ अन्य दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई।
लोकसभा में संसद सत्र के दौरान विपक्ष के जोरदार हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इससे पहले सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने को कहा, लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी रहने पर उन्होंने करीब 11:15 बजे सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी
लोकसभा की कार्यवाही के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जैसे ही प्रश्नकाल आगे बढ़ाया तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने कहा कि उन्होंने कार्यस्थगन प्रस्ताव दे रखा है। इस पर सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह प्रश्नकाल के बाद इस पर विचार करेंगी।
इस पर तृणमूल के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने ‘लोकतंत्र बचाओ’ और ‘संविधान बचाओ’ के नारे लगाए। इस दौरान कांग्रेस के सदस्य भी राफेल मामले की जांच की मांग करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थीं।
राजद सदस्य जयप्रकाश नारायण यादव भी तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के साथ नारेबाजी करते देखे गए।तेलुगू देसम पार्टी के सदस्य भी आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। शोर-शराबे के बीच ही स्पीकर ने गांवों में रोजगार सूचना केंद्रों की स्थापना से जुड़ा प्रश्न लिए और संबंधित विभाग के मंत्री ने जवाब भी दिए।
गौरतलब है कि चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ करने के प्रयास के बाद केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी रविवार शाम को कोलकाता में धरने पर बैठ गयीं।
सीबीआई की एक टीम रविवार को मध्य कोलकाता में कुमार के लाउडन स्ट्रीट स्थित आवास पहुंची थी लेकिन वहां तैनात कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया और उन्हें थाने ले गए।
सीबीआई कुमार से लापता दस्तावेज और फाइलों के बारे में पूछताछ करना चाहती थी।
संसद का बज़ट सत्र
भारतीय संसद (राज्य सभा और लोक सभा) की हर साल होने वाली तीन बैठकों को संसद सत्र कहते हैं। इन सत्रों में सभी विधायी कार्य पूरे किये जाते हैं। भारतीय संविधान के अनुसार संसद के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा अंतराल नहीं होना चाहिए। इस वजह से हर साल संसद के कम से कम दो सत्र जरूर आयोजित होते हैं।
संसद का बज़ट सत्र फ़रवरी से मई के बीच आहुत होता है। संसद का मॉनसून सत्र जुलाई से सितम्बर के बीच आहुत होता है। संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर से दिसंबर के बीच आयोजित होता है। बज़ट सत्र के दौरान भारत सरकार अपना सालाना या अंतरिम बज़ट पेश करती है। इस बज़ट में सरकार वार्षिक आय और व्यय का लेखा-जोखा पेश करती है।