Parliament Budget Session 2022: केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में 8.72 लाख पद रिक्त, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी जानकारी
By भाषा | Updated: February 3, 2022 20:49 IST2022-02-03T20:47:20+5:302022-02-03T20:49:49+5:30
Parliament Budget Session 2022: एक मार्च 2019 को 9,10,153 पद रिक्त पड़े थे जबकि एक मार्च 2018 को 6,83,823 पद रिक्त थे।

एक मार्च 2019 को 9,10,153 पद रिक्त पड़े थे जबकि एक मार्च 2018 को 6,83,823 पद रिक्त थे।
Parliament Budget Session 2022: सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में एक मार्च 2020 तक 8.72 लाख पद रिक्त पड़े थे। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि एक मार्च 2019 को 9,10,153 पद रिक्त पड़े थे जबकि एक मार्च 2018 को 6,83,823 पद रिक्त थे। उन्होंने कहा कि एक मार्च 2020 केंद्रीय सरकार के विभागों में 8,72,243 पद रिक्त पड़े थे। मंत्री ने कहा कि प्रमुख भर्ती एजेंसियों कर्मचारी चयन आयोग, संघ लोक सेवा आयोग एवं रेलवे भर्ती बोर्ड ने 2018-19 और 2020-21 में 2,65,468 भर्तियां की थीं।
हिन्दी में जवाब देने पर थरूर की टिप्पणी पर सिंधिया ने आपत्ति जतायी
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान हिन्दी में जवाब देने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के बीच हल्की-फुल्की नोकझोंक देखी गयी। तमिलनाडु के एक सदस्य के अंग्रेजी में पूछे गए पूरक प्रश्न का केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा हिन्दी में उत्तर दिये जाने पर तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि यह अपमान है कि मंत्री हिन्दी में जवाब दे रहे हैं।
थरूर ने कहा कि मंत्री अंग्रेजी जानते हैं और उन्हें अंग्रेजी में जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जवाब हिन्दी में मत दीजिए, ये अपमान है लोगों का।’’ इस पर सिंधिया ने कहा, ‘‘यह अजीब बात है। हमारे यहां अनुवादक हैं। मैं अंग्रेजी में क्यों जवाब दूं। मैं हिन्दी में बोलूं तो सदस्य को एतराज हो रहा है।’’ थरूर की टिप्पणी के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह अपमान नहीं है।
प्रवासी कामगारों के सामूहिक पलायन पर रिपोर्ट झूठी : सरकार
सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि महामारी की तीसरी लहर के बीच प्रवासी श्रमिकों के बड़े पैमाने पर पलायन के बारे में मीडिया रिपोर्ट असत्य थी और राज्यों को इस मुद्दे पर अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहने के लिए कहा गया है। तीसरी लहर पिछले महीने देश में आई, जिससे राज्यों को कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए स्थानीय प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
कुछ राज्यों ने रात के साथ-साथ सप्ताहांत के कर्फ्यू के अलावा बार और रेस्तरां में भोजन करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया, ‘‘मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) के कार्यालय द्वारा देश भर में 21 निगरानी केंद्र सक्रिय किए गए हैं। राज्यों को भी पलायन पर अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहने और ऐसी अफवाहों का मुकाबला करने के लिए त्वरित कदम उठाने के लिए कहा गया है। उन्हें प्रवासी श्रमिकों को उनकी सुरक्षा, बचाव और आजीविका के संबंध में आश्वस्त करने की सलाह दी गई है।’’
मंत्री ने सदन को बताया कि प्रवासी श्रमिकों के अपने गृह राज्यों में जाने के संबंध में बड़े पैमाने पर पलायन की कुछ मीडिया रिपोर्टों को असत्य पाया गया और यह भी देखा गया कि कुछ समाचार पुरानी तस्वीरों पर आधारित थे। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें स्थिति पर कड़ी नजर रख रही हैं और इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।