दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता भी लड़ सकते हैं चुनाव : उच्च न्यायालय, उत्तराखंड सरकार का फैसला गलत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 19, 2019 08:42 PM2019-09-19T20:42:50+5:302019-09-19T20:42:50+5:30

अदालत ने स्पष्ट किया कि संशोधन लागू 25 जुलाई, 2019 से लागू होंगे। यानि जिनके तीसरे बच्चे का जन्म 25 जुलाई, 2019 के बाद होगा, वह पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी के लिए अयोग्य होंगे। अदालत ने स्पष्ट किया कि 25 जुलाई, 2019 से पहले दो या ज्यादा बच्चों के माता-पिता बन चुके दंपतियों को चुनाव लड़ने का पूरा अधिकार होगा।

Parents of more than two children can also contest elections: High court, Uttarakhand government's decision wrong | दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता भी लड़ सकते हैं चुनाव : उच्च न्यायालय, उत्तराखंड सरकार का फैसला गलत

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया कल से शुरू हो रही है।

Highlightsमुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया।प्रदेश के 12 जिलों में छह से 16 अक्टूबर तक तीन चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं। चुनाव परिणाम 21 अक्टूबर को आयेगा।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दो से ज्यादा बच्चों के माता—पिता को प्रदेश में होने वाले आगामी पंचायत चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने वाले पंचायती राज संशोधन अधिनियम के प्रावधान को गुरुवार को खारिज कर दिया।

अदालत ने स्पष्ट किया कि संशोधन लागू 25 जुलाई, 2019 से लागू होंगे। यानि जिनके तीसरे बच्चे का जन्म 25 जुलाई, 2019 के बाद होगा, वह पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी के लिए अयोग्य होंगे। अदालत ने स्पष्ट किया कि 25 जुलाई, 2019 से पहले दो या ज्यादा बच्चों के माता-पिता बन चुके दंपतियों को चुनाव लड़ने का पूरा अधिकार होगा।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया। प्रदेश के 12 जिलों में छह से 16 अक्टूबर तक तीन चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं। चुनाव परिणाम 21 अक्टूबर को आयेगा।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया कल से शुरू हो रही है। दो से ज्यादा बच्चों वाले लोगों को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने वाले पंचायती अधिनियम के प्रावधान को कोटाबाग क्षेत्र के निवासी मनोहर लाल और पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट तथा अन्य ने याचिका दायर कर चुनौती दी थी।

याचिका में कहा गया था कि सरकार यह संशोधन पिछली तारीख से लागू कर रही है और इसके लिये जरूरी 300 दिन की ग्रेस अवधि भी नहीं दी जा रही है। याचिकाकर्ताओं ने पंचायत प्रतिनिधि के पद के लिये हाई स्कूल तक उत्तीर्ण होने की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को भी चुनौती दी थी। हालांकि अदालत ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है जिसका मतलब है कि यह शर्त उम्मीदवारों पर लागू रहेगी। 

Web Title: Parents of more than two children can also contest elections: High court, Uttarakhand government's decision wrong

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