परमबीर के दावे गंभीर, गहन जांच की जरूरत है : शरद पवार

By भाषा | Updated: March 21, 2021 22:41 IST2021-03-21T22:41:17+5:302021-03-21T22:41:17+5:30

Parambir's claims need serious, thorough investigation: Sharad Pawar | परमबीर के दावे गंभीर, गहन जांच की जरूरत है : शरद पवार

परमबीर के दावे गंभीर, गहन जांच की जरूरत है : शरद पवार

मुंबई/ नयी दिल्ली, 21 मार्च राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह के आरोप गंभीर हैं और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में निर्णय करेंगे।

राज्य के राजनीतिक हलकों में महाराष्ट्र को एक नया गृह मंत्री जल्द मिलने की अटकलों के बीच दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन के दौरान पवार ने यह टिप्पणी की।

सिंह ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार एवं होटलों से प्रति महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें।

पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे इस मामले में निर्णय करेंगे। उन्होंने कहा कि इन आरोपों की गहन जांच की जरूरत है। उन्होंने संकेत दिये कि मुख्यमंत्री जल्द ही मामले और देशमुख के खिलाफ कार्रवाई पर फैसला लेंगे।

उन्होंने कहा कि न तो मुख्यमंत्री और न ही राज्य के गृह मंत्री पिछले वर्ष पुलिस बल में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को फिर से बहाल करने के लिए जिम्मेदार हैं।

राकांपा प्रमुख ने कहा कि सिंह के पत्र के बारे में उन्होंने ठाकरे से बात की है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्धव ठाकरे को सुझाव दूंगा कि परमबीर सिंह के दावों पर गौर करने के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी जुलियो रिबेरो का सहयोग लें।’’

रिबेरो ने हालांकि इस सुझाव को अस्वीकार करते हुए कहा कि वह इस तरह के काम के लिए उपलब्ध नहीं है।

रिबेरो ने कहा, ‘‘मैं 92 साल का हूं। 92 साल की उम्र में कोई ऐसा काम नहीं करता। अगर जांच महाराष्ट्र के गृह मंत्री के खिलाफ है, तो पवार को यह देखना चाहिए क्योंकि वह (सत्तारूढ़) पार्टी के मुखिया हैं।’’

पवार ने कहा कि सिंह ने उनसे पुलिस विभाग में राजनीतिक हस्तक्षेप की शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि सिंह ने अपने स्थानांतरण के बारे में रिपोर्ट की बात करते हुए कहा था कि यह उनके साथ अन्याय होगा।

उन्होंने कहा कि 17 मार्च को होम गार्ड्स में तबादला होने के बाद सिंह ने ये आरोप लगाए।

राकांपा प्रमुख ने कहा कि सिंह के आरोपों के कारण एमवीए सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे।

मुख्यमंत्री ठाकरे को लिखे आठ पृष्ठों के पत्र में सिंह ने आरोप लगाए कि देशमुख अपने सरकारी आवास पर पुलिस अधिकारियों को बुलाते थे और उन्हें बार, रेस्तरां और अन्य स्थानों से ‘‘उगाही करने का लक्ष्य’’ देते थे।

शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को स्वीकार किया कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों और सचिन वाजे प्रकरण के कारण राज्य सरकार की छवि को नुकसान हुआ है।

इसके साथ ही राउत ने कहा कि सभी सहयोगी दलों को आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि उनके पैर जमीन पर हैं या नहीं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि देखमुख के खिलाफ सिंह द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच पवार महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं।

फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में पवार के इस दावे को खारिज कर दिया कि विवादास्पद पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को पिछले वर्ष मुंबई पुलिस में फिर से बहाल करने के लिए न तो मुख्यमंत्री और न ही देशमुख जिम्मेदार हैं।

उन्होंने पूछा, ‘‘मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की जानकारी के बगैर वाजे को कैसे महत्वपूर्ण पद और मामले दिए गए?’’

फडणवीस ने आरोप लगाया, ‘‘एमवीए सरकार (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) के कर्ता-धर्ता के रूप में पवार सरकार को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पवार का आज का संवाददाता सम्मेलन सरकार को बचाने का प्रयास है। वास्तव में यह सच्चाई से भागने का प्रयास है।’’

वाजे फिलहाल राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में है। एनआईए उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास 25 फरवरी को उस वाहन के मिलने के मामले की जांच कर रही है, जिसमें विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी।

इस बीच, भाजपा कार्यकर्ताओं ने रविवार को नागपुर और पुणे में प्रदर्शन कर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा मांगा। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों को देखते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए।

पुणे में प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि शिवसेना नीत एमवीए सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

नागपुर में राज्य के पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने संविधान चौराहे पर प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जहां राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।

शहर में देशमुख के आवास के बाहर भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए।

देशमुख ने सिंह के आरोपों को निराधार बताकर खारिज कर दिया था और इसे आईपीएस अधिकारी द्वारा खुद को जांच से बचाने का प्रयास करार दिया था।

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Web Title: Parambir's claims need serious, thorough investigation: Sharad Pawar

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