दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 46 फीसदी, सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित

By भाषा | Updated: November 1, 2019 20:16 IST2019-11-01T20:16:41+5:302019-11-01T20:16:41+5:30

प्रदूषण का स्तर अत्यधिक गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है, ऐसे में उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर काम कर रहे पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है और निर्माण गतिविधियों पर पांच नवंबर तक रोक लगा दी है।

Parali smog has 46 percent part in delhi pollution, highest level of this year | दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 46 फीसदी, सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsदिल्ली के प्रदूषण में शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत तक पहुंच गयी। सरकारी एजेंसी सफर के अनुसार यह इस साल का सर्वाधिक स्तर है जब राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर और गिर गया है।

दिल्ली के प्रदूषण में शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत तक पहुंच गयी। सरकारी एजेंसी सफर के अनुसार यह इस साल का सर्वाधिक स्तर है जब राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर और गिर गया है।

प्रदूषण का स्तर अत्यधिक गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है, ऐसे में उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर काम कर रहे पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है और निर्माण गतिविधियों पर पांच नवंबर तक रोक लगा दी है।

प्राधिकरण ने कार्यान्वयन एजेंसियों को पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाने को भी कहा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी इकाई ‘सफर’ के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत तक पहुंच गयी। सफर ने कहा कि हरियाणा और पंजाब (उत्तर पश्चिम भारत) में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं और यह इस साल के सर्वाधिक स्तर (3178) पर है।

एजेंसी ने कहा कि निचले स्तर पर हवा की गति, धूल उड़ना और कम आर्द्रता जैसे कुछ अन्य कारण भी हैं जिनके कारण प्रदूषण के लिहाज से हालात प्रतिकूल हैं। हालांकि सफर के अनुसार एक सकारात्मक घटनाक्रम यह है कि हवा की दिशा पश्चिम की ओर है लेकिन यह राहत थोड़े समय के लिए है।

एजेंसी ने कहा, ‘‘एक्यूआई में कल तक मामूली सुधार की उम्मीद है लेकिन इसी गंभीर श्रेणी में। तीन नवंबर तक वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होने की उम्मीद है जो बहुत खराब स्तर की ऊपरी सीमा तक हो सकता है और चार नवंबर तक बहुत खराब श्रेणी में सुधार की संभावना है।’’ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक अपराह्न तीन बजे 484 के ‘गंभीर’ स्तर पर दर्ज किया गया। पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने कार्यान्वयन एजेंसियों को पड़ोसी राज्यों पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाने को कहा है।

Web Title: Parali smog has 46 percent part in delhi pollution, highest level of this year

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