दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच कारोबारियों में घबराहट

By भाषा | Published: December 27, 2021 07:59 PM2021-12-27T19:59:57+5:302021-12-27T19:59:57+5:30

Panic among businessmen amid rise in cases of Kovid-19 in Delhi | दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच कारोबारियों में घबराहट

दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच कारोबारियों में घबराहट

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर दिल्ली में रविवार को कोविड-19 की संक्रमण दर 0.5 प्रतिशत से अधिक होने और ओमीक्रोन मामलों की संख्या में निरंतर वृद्धि से शहर के व्यापारी चिंतित हैं क्योंकि उन्हें डर है कि आने वाले दिनों में यदि सरकार ''येलो'' अलर्ट जारी करती है तो उनके प्रतिष्ठान बंद हो सकते हैं।

राष्ट्रीय राजधानी की कारोबारी बिरादरी घबराहट की स्थिति में है। कारोबारियों ने दिल्ली सरकार से ''येलो'' अलर्ट घोषित करने से पहले दो अन्य संकेतकों-- कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या और ऑक्सीजन बिस्तरों पर मरीजों की संख्या-- पर भी विचार करने का सोमवार को आग्रह किया।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा जुलाई में तैयार की गई चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के अनुसार, यदि संक्रमण दर लगातार दो दिन तक 0.5 प्रतिशत रहती है या सात दिन में संक्रमण के नए मामलों की संख्या 1, 500 तक पहुंच जाती है या फिर सात दिन में ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों पर रोगियों की संख्या 500 हो जाती है तो 'येलो' अलर्ट (पहला स्तर) जारी किया जाता है।

‘येलो अलर्ट’ जारी होते ही रात का कर्फ्यू, स्कूल और कॉलेज बंद करना, मेट्रो ट्रेनों और बसों में बैठने की क्षमता आधी करना, गैर आवश्यक दुकानों और मॉल आदि को बंद करना सहित तमाम प्रतिबंध लागू हो जाते हैं।

विभिन्न उद्योगों के व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज (सीटीआई) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि अगर सोमवार को भी संक्रमण दर 0.5 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, तो जीआरएपी के लागू होने की संभावना है, जिसके तहत दिल्ली के बाजारों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में कई तरह की पाबंदियां लगाई जाएंगी।

उन्होंने कहा, ''येलो अलर्ट जारी होते ही कई गतिविधियां और व्यवसाय बंद हो जाएंगे। हमने डीडीएमए को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि जीआरएपी येलो अलर्ट केवल तभी लागू होना चाहिए जब दिल्ली में कोरोना वायरस के 1,500 मामले सामने आएं।''

गोयल ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''हमने डीडीएमए से जीआरएपी के तहत कोई प्रतिबंध लगाने से पहले व्यापारियों की स्थिति पर विचार करने का भी अनुरोध किया है।''

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार शहर में कोविड के मामलों की संख्या बढ़ रही है लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

गोयल ने कहा, ''दिल्ली में लगातार सात दिनों तक कोविड के 1,500 मामले दर्ज नहीं किए गए हैं और न ही बिस्तरों पर मरीजों की औसत संख्या 500 है। ऐसी स्थिति में, जीआरएपी के पहले चरण के तहत प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।''

दिल्ली जिम एसोसिएशन ने उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ''येलो'' अलर्ट लागू होने और बाद में व्यायामशालाओं तथा स्पा को बंद करने के मुद्दे पर पत्र लिखा है।

राष्ट्रीय राजधानी में करीब 5,500 व्यायामशालाएं (जिम) और फिटनेस सेंटर हैं।

दिल्ली जिम एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चिराग सेठी ने कहा कि 'येलो' अलर्ट के तहत पहले व्यायामशालाएं बंद होंगी जबकि पार्क, रेस्तरां और बार 50 फीसदी क्षमता के साथ काम करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण दर 0.55 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जिससे जिम मालिक घबराए हुए हैं।

सेठी ने कहा, ''पिछले कुछ महीनों में उद्योग को पहले ही बहुत नुकसान हुआ है। यह निर्णय इसे बुरी तरह प्रभावित करेगा और पूरा उद्योग ढह सकता है। हम डीडीएमए से अनुरोध करते हैं कि न केवल संक्रमण दर बल्कि मामलों की कुल संख्या और ऑक्सीजन बिस्तरों की जरूरत का भी ध्यान रखा जाए।''

इसी तरह की चिंता शहर के विभिन्न बाजार संघों के प्रतिनिधियों ने भी व्यक्त की।

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