महामारी पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी व्यवस्था के तहत शामिल करने का निर्णय नहीं लेने का कारण नहीं है: न्यायालय
By भाषा | Updated: December 1, 2021 22:33 IST2021-12-01T22:33:57+5:302021-12-01T22:33:57+5:30

महामारी पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी व्यवस्था के तहत शामिल करने का निर्णय नहीं लेने का कारण नहीं है: न्यायालय
कोच्चि, एक दिसंबर केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत पेट्रोलियम उत्पादों को शामिल करने का निर्णय नहीं लेने के कारण के रूप में महामारी की अवधि का हवाला नहीं दिया जा सकता है क्योंकि इस अवधि के दौरान कई निर्णय लिए गए थे।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा कहा गया था कि जीएसटी के तहत पेट्रोलियम उत्पादों को शामिल करने के सवाल पर फैसला नहीं किया जा सकता है क्योंकि इस मामले में उच्च राजस्व निहितार्थ शामिल हैं, बड़े विचार-विमर्श की आवश्यकता है और महामारी के समय में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी व्यवस्था के तहत लाना मुश्किल होगा। इसके बाद उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी की।
न्यायालय ने कहा, ‘‘हम कारणों से संतुष्ट नहीं हैं। कुछ चर्चा और वास्तविक कारण होना चाहिए कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी व्यवस्था के तहत क्यों नहीं लाया जा सकता है।’’
मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी. चाली की पीठ ने कहा, ‘‘इसके अलावा, महामारी की अवधि को एक कारण के रूप में उद्धृत नहीं किया जा सकता है। यह सर्वविदित है कि महामारी की अवधि के दौरान भी, विचार-विमर्श के बाद, राजस्व से जुड़े कई निर्णय लिए गए थे।’’
पीठ ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड को अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों के संदर्भ में एक विस्तृत बयान दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को दिसंबर के दूसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए इसी तरह के एक अन्य मामले के साथ सूचीबद्ध किया।
अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने और केरल राज्य को उस वक्त तक बिक्री कर, अतिरिक्त बिक्री कर और पेट्रोल और डीजल पर उपकर लगाने से बचने का अंतरिम निर्देश देने का अनुरोध किया गया था, जब तक कि वे जीएसटी व्यवस्था के तहत शामिल नहीं हो जाते।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता पी.आर. श्रीजीत ने पीठ को बताया था कि वस्तु एवं सेवा कर परिषद, नई दिल्ली के निदेशक से प्राप्त एक पत्र के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी व्यवस्था के तहत नहीं लाया जा सकता है।
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