मोदी-जिनपिंग की शिखर वार्ता से पहले पाक-चीन ने उठाया कश्मीर मुद्दा, भारत ने जताया सख्त ऐतराज
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 10, 2019 08:13 AM2019-10-10T08:13:30+5:302019-10-10T08:13:30+5:30
11 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता में अगर यह मुद्दा उठता है तो पीएम मोदी अपना पक्ष समझाएंगे। कश्मीर पर भारत का रुख एकदम स्पष्ट है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के कश्मीर पर चर्चा करने की खबरों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने बुधवार को कहा कि इस मुद्दे पर नई दिल्ली के रुख से बीजिंग ‘अच्छी तरह से अवगत’ है और हमारे आंतरिक मामलों पर अन्य देश टिप्पणी नहीं करे।
भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया शी और खान के बीच एक बैठक में कश्मीर पर चर्चा होने के बारे में चीनी सरकारी मीडिया में खबर आने के बाद आई है। खबर के मुताबिक बैठक में शी ने खान से कहा कि कश्मीर में स्थिति की चीन निगरानी कर रहा है और उसने आशा जताई कि ‘संबद्ध पक्ष’ शांतिपूर्ण वार्ता के जरिये मुद्दे का हल कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘हमने शी की खान के साथ बैठक के बारे में खबर देखी है जिसमें कश्मीर पर उनके बीच हुई चर्चा का भी जिक्र किया गया है। भारत का लगातार और स्पष्ट रुख रहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। चीन हमारे रुख से अच्छी तरह से अवगत है। भारत के आंतरिक मामलों पर अन्य देश टिप्पणी नहीं करें।’’
शी का शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक होने का कार्यक्रम है। चीनी राष्ट्रपति ने खान को एक बैठक के दौरान भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय हालात में बदलावों के बावजूद चीन और पाकिस्तान के बीच मित्रता अटूट तथा चट्टान की तरह मजबूत है।
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा पांच अगस्त को रद्द करने के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ने के बीच खान ने चीन यात्रा की है। उनके साथ पाक सेना प्रमुख जनरल बाजवा भी मौजूद रहे।
11 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता में अगर यह मुद्दा उठता है तो पीएम मोदी अपना पक्ष समझाएंगे। कश्मीर पर भारत का रुख एकदम स्पष्ट है। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मोदी-शी शिखर वार्ता में व्यापार, राजनीतिक संबंधों, आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर चर्चा होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति के भारतीय दौरे के दौरान वह किसी तरह के समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक अनाधिकारिक दौरा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता में संबंधों को गहरा करने के व्यापक तरीकों की खोज पर ध्यान केंद्रित होगा। सूत्रों के मुताबिक, दिसंबर 2019 में भारत और चीन आतंक के खिलाफ साझा अभ्यास करेंगे।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर