पीएजीडी ने हैदरपोरा मुठभेड़ मामले की न्यायिक जांच की मांग की

By भाषा | Updated: November 18, 2021 17:40 IST2021-11-18T17:40:47+5:302021-11-18T17:40:47+5:30

PAGD demands judicial inquiry into Hyderpora encounter case | पीएजीडी ने हैदरपोरा मुठभेड़ मामले की न्यायिक जांच की मांग की

पीएजीडी ने हैदरपोरा मुठभेड़ मामले की न्यायिक जांच की मांग की

श्रीनगर, 18 नवंबर गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने हैदरपोरा मुठभेड़ मामले की न्यायिक जांच कराए जाने की बृहस्पतिवार को मांग की और कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं, जो न्यायसंगत नहीं हो सकता।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम आज शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखेंगे और हैदरपोरा मामले में विश्वसनीय जांच कराए जाने का अनुरोध करेंगे। हमारी राय में, केवल न्यायिक जांच ही विश्वसनीय एवं न्यायसंगत हो सकती है।’’

मृतकों के बारे में परस्पर विरोधी दावों के बाद हैदरपोरा में सोमवार को हुई मुठभेड़ को लेकर विवाद पैदा हो गया है, क्योंकि मृतकों के परिजनों ने पुलिस के इस आरोप का विरोध किया है कि उनका ‘‘आतंकवादियों से संबंध’’था। इसके बाद विभिन्न दलों ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।

तारिगामी ने बताया कि हैदरपोरा में ‘‘तीन निर्दोष आम नागरिकों के मारे जाने’’ के कारण पैदा हुई ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति’’ पर चर्चा के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को छोड़कर पीएजीडी के नेताओं ने नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला से उनके आवास पर मुलाकात की।

उन्होंने दावा किया कि महबूबा को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है।

पीएजीडी के प्रवक्ता तारिगामी ने कहा कि मामले में जम्मू-कश्मीर सरकार ने मजिस्ट्रेट से जांच कराने का आदेश दिया है, यह जांच न्यायसंगत नहीं हो सकती, क्योंकि ‘‘आरोपी प्रशासन का अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच करना’’ न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने कहा, ‘‘पीएजीडी देशवासियों और देश के नेतृत्व से भी अपील करता है कि वे जम्मू-कश्मीर में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए भी खड़े हों। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, कश्मीर का दर्द साझा करने की आवश्यकता है।’’

तारिगामी ने कहा, ‘‘हम उनसे अपील करते हैं कि सब्र का बांध टूटने से पहले इस रक्तपात को रोकें। चुप्पी को गलत न समझें...। हम कश्मीर को कब्रिस्तान बनाने की अनुमति नहीं देंगे। सरकार को इस आवाज को सुनना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि तीन आम नागरिकों मोहम्मद अल्ताफ भट, मुदस्सिर गुल और आमिर मागरे के शवों को उनके परिवारों को सौंपा जाना चाहिए, ताकि उन्हें सम्मान के साथ दफनाया जा सके।

तारिमागी ने कहा कि पीएजीडी के नेता शोकसंतप्त परिवारों से मिलता चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा प्रतिष्ठान ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय के पास जाने के लिए कानूनी सलाह लेंगे।... हम हर दरवाजा खटखटाएंगे।

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Web Title: PAGD demands judicial inquiry into Hyderpora encounter case

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