मणिपुर: पिछले 3 महीनों में साढ़े 6 हजार से अधिक FIR, 4 हजार हथियार हुए गायब, लेकिन राज्य में मौजूद सिर्फ 1 फोरेंसिक लैब

By मनाली रस्तोगी | Published: August 10, 2023 11:58 AM2023-08-10T11:58:10+5:302023-08-10T11:59:42+5:30

तीन महीने में 6,500 से अधिक मामले, लगभग छह लाख गोला-बारूद और 4,000 हथियार चोरी, 100 से अधिक मौतें और लगभग 75 हत्या के मामले. इन सब वजहों से मणिपुर पिछले तीन महीने से अधिक समय से हिंसा की चपेट में है.

Over 6500 FIRs in 3 Months 4000 Weapons Missing and 75 Murder Cases in Manipur | मणिपुर: पिछले 3 महीनों में साढ़े 6 हजार से अधिक FIR, 4 हजार हथियार हुए गायब, लेकिन राज्य में मौजूद सिर्फ 1 फोरेंसिक लैब

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsमणिपुर में केवल एक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) है और क्षेत्रीय स्तर पर कोई नहीं है.असम में पांच क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं हैं, जबकि ओडिशा में ऐसी तीन प्रयोगशालाएं हैं.ज्यादातर मामलों में साक्ष्य जुटाने और उचित जांच के लिए एफएसएल की मदद की जरूरत पड़ी.

नई दिल्ली: तीन महीने में 6,500 से अधिक मामले, लगभग छह लाख गोला-बारूद और 4,000 हथियार चोरी, 100 से अधिक मौतें और लगभग 75 हत्या के मामले. इन सब वजहों से मणिपुर पिछले तीन महीने से अधिक समय से हिंसा की चपेट में है और जिस बात ने अधिकारियों का काम कठिन बना दिया है वह तथ्य है राज्य में केवल एक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) है और क्षेत्रीय स्तर पर कोई नहीं है.

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, असम में पांच क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं हैं, जबकि ओडिशा में ऐसी तीन प्रयोगशालाएं हैं. राज्य की स्थिति को देखते हुए और जांच में तेजी लाने के लिए स्थानीय पुलिस नमूने केंद्रीय एफएसएल और अन्य राज्यों की प्रयोगशालाओं में भेजने के विकल्प तलाश रही है. अधिकारी यह भी दावा कर रहे हैं कि ज्यादातर मामलों में साक्ष्य जुटाने और उचित जांच के लिए एफएसएल की मदद की जरूरत पड़ी.

मणिपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज18 को बताया, "संवेदनशील मामले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास हैं, जिसकी एक अलग प्रयोगशाला है. लेकिन, मणिपुर पुलिस को जांच के दौरान सबूतों की वैज्ञानिक जांच और विश्लेषण के लिए एफएसएल की जरूरत है. ज्यादातर मामलों में जांच अधिकारियों को सैंपल ऐसी प्रयोगशालाओं में भेजना पड़ता है."

उन्होंने आगे कहा, "चूंकि मणिपुर में केवल एक ही है, इसलिए हम त्वरित जांच के लिए नमूने विभिन्न राज्य प्रयोगशालाओं में भेजने की योजना बना रहे हैं. हम मामलों को प्राथमिकता देंगे और हत्या और हत्या के प्रयास जैसे महत्वपूर्ण मामलों को पहले एफएसएल को भेजेंगे. इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा."

गृह मंत्रालय के अनुसार, तकनीकी और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच के लिए सात केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में सुविधाओं के अलावा, 33 राज्यों में साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं शुरू की गई हैं.

मंत्रालय ने बुधवार को कहा, "वर्तमान फोरेंसिक प्रयोगशालाओं की स्थिति बढ़ाने और ऐसी नई प्रयोगशालाएँ स्थापित करने के लिए वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में क्रमशः कुल 6.21 करोड़ रुपये, 7.60 करोड़ रुपये, 9.11 करोड़ रुपये और 25.71 करोड़ रुपये जारी/उपयोग किए गए हैं."

इस बीच सुप्रीम कोर्ट के साथ साझा किए गए आंकड़ों में मणिपुर पुलिस ने कहा कि मई से 30 जुलाई के बीच आगजनी के करीब 4,500 मामले, संपत्ति के विनाश के 4,694 मामले और लूटपाट के 4,148 मामले दर्ज किए गए. सभी अलग-अलग मामले नहीं हैं और एक ही एफआईआर में आईपीसी की कई धाराएं लगाई गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 42 टीमें उन मामलों को देखेंगी जो सीबीआई को हस्तांतरित नहीं किए गए हैं.

Web Title: Over 6500 FIRs in 3 Months 4000 Weapons Missing and 75 Murder Cases in Manipur

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