लाइव न्यूज़ :

विपक्षी दलों का हमला, कहा-CAA वापस ले मोदी सरकार, गैरभाजपा शासित राज्यों में NPR की प्रकिया हो निलंबित

By भाषा | Updated: January 13, 2020 23:50 IST

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें अर्थव्यवस्था, रोजगार एवं किसानों की स्थिति तथा सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई तथा जेएनयू एवं कुछ अन्य विश्वविद्यालयों में छात्रों पर हमले को लेकर चिंता प्रकट की गई।

Open in App
ठळक मुद्देकांग्रेस समेत देश के 20 विपक्षी दलों ने सीएए को वापस लेने एवं एनआरसी पर रोक लगाने की मांग की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया

 कांग्रेस समेत देश के 20 विपक्षी दलों ने सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने एवं राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि वो सभी मुख्यमंत्री राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया को निलंबित करें जिन्होंने अपने राज्यों में एनआरसी लागू नहीं करने की घोषणा की थी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें अर्थव्यवस्था, रोजगार एवं किसानों की स्थिति तथा सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई तथा जेएनयू एवं कुछ अन्य विश्वविद्यालयों में छात्रों पर हमले को लेकर चिंता प्रकट की गई।

इसके साथ ही आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी चर्चा की गई। इस बैठक में बसपा, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के साथ ही कांग्रेस की प्रमुख सहयोगी द्रमुक भी शामिल नहीं हुईं। बैठक में सोनिया ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए और एनआरसी पर देश को गुमराह किया है तथा भड़काऊ बयान दिए हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि जेएनयू और कुछ अन्य स्थानों पर हिंसा की घटनाओं से साबित हो गया है कि मोदी सरकार शासन करने में अक्षम है और वह लोगों को सुरक्षा नहीं दे सकती।

बैठक के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि वह पुलिस के बिना किसी विश्वविद्यालय में जाएं और लोगों को बताएं कि मौजूदा हालात में देश के लिए क्या करेंगे। उन्होंने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नौजवानों एवं छात्रों को सुनने एवं उनकी बातों का जवाब देने का साहस करना चाहिए, लेकिन उनमें ऐसा करने का साहस नहीं है। इन पार्टियों ने बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा, ‘‘हम नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था का पूरी तरह कुप्रबंधन किए जाने के कारण बड़ी संख्या में लोगों के सामने पैदा हुई जीविका की खतरनाक स्थिति को लेकर अपनी चिंता प्रकट करते हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार करने की बजाय सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है।

विपक्षी दलों ने कहा, ‘‘सीएए, एनपीआर और एनआरसी एक पैकेज है, जो असंवैधानिक है तथा गरीब, दबे-कुचले लोग, अनुसूचित जाति-जनजाति और भाषायी एवं धार्मिक अल्पसंख्यक इसके मुख्य निशाने पर हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सीएए को वापस लेने और एनआरसी एवं एनपीआर पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हैं। अपने राज्यों में एनआरसी को लागू नहीं करने की घोषणा करने वाले सभी मुख्यमंत्रियों को एनपीआर की प्रक्रिया निलंबित करने पर विचार करना चाहिए क्योंकि यह एनआरसी का शुरुआती चरण है।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘‘23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जी का जन्मदिन है, 26 जनवरी को हमारा संविधान लागू होने का दिन है और 30 जनवरी को महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि है और उनकी 150वीं जयंती का वर्ष भी चल रहा है। इन तारीखों को हम देशवासियों के साथ मिलकर चर्चा करेंगे। यह भी प्रस्ताव का हिस्सा है।’’

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘पूरे देश में युवाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और इनको समाज के सभी तबकों के लोगों का समर्थन हासिल है। फिलहाल सीएए और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन इसमें लोगों में बढ़ती हताशा और आक्रोश का प्रकटीकरण हो रहा है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पुलिस की प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक ढंग से भेदभावपूर्ण और निर्मम रही है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने देश को गुमराह किया है। उन्होंने कुछ सप्ताह पहले अपने बयानों का प्रतिवाद किया और भड़काऊ बयान देते रहे।’’

पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, झामुमो के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, राजद के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और रालोद के अजित सिंह मौजूद थे।

इसके साथ ही आईयूएमएल के पी के कुन्हालीकुट्टी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा तथा कई अन्य दलों के नेता भी बैठक में शामिल हुए। 

टॅग्स :नागरिकता संशोधन कानूनकैब प्रोटेस्टकांग्रेसनेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर एनपीआरएनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजिका)
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारतबिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी के अंदर एक बार फिर शुरू हो गया है 'एकला चलो' की रणनीति पर गंभीर मंथन

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत