ताजमहल में 22 बंद दरवाजों का रहस्य क्या है? हाई कोर्ट पहुंचा मामला, हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति की मौजूदगी के दावों की जांच की मांग
By विनीत कुमार | Updated: May 8, 2022 14:45 IST2022-05-08T14:35:05+5:302022-05-08T14:45:20+5:30
ताजमहल की जगह पर पूर्व में शिव मंदिर होने के दावे की जांच के लिए एक याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर की गई है। इसमें 22 बंद दरवाजों की जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

ताजमहल में 22 बंद दरवाजों की जांच की मांग (फाइल फोटो)
लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ताजमहल में 22 बंद दरवाजों की जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई है। ये याचिका हिंदू देवताओं की मूर्तियों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए की गई है। याचिका में एएसआई द्वारा एक फैक्ट फाइंडिंग कमिटी के गठन और एक रिपोर्ट प्रस्तुत कराने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को बंद दरवाजों के पीछे बंद कर रखा गया है। याचिका में कुछ इतिहासकारों और कुछ हिंदू समूहों द्वारा ताजमहल वाले स्थान पर पुराने शिव मंदिर होने के दावों का भी हवाला दिया गया है।
याचिका में कहा गया है, 'कुछ हिंदू समूह और प्रतिष्ठित संत इस जगह पर पुराने शिव मंदिर होने की बात कहते हैं और कई इतिहासकारों और तथ्य इस दावे का समर्थन करते हैं। हालांकि कई इतिहासकार इसे मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा निर्मित ताजमहल के रूप में मानते हैं। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि ये ताजमहल नहीं तेजो महालया रहा है और ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
इसमें आगे कहा गया है, 'चार मंजिला इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से (लगभग 22 कमरे) में स्थित कुछ कमरे स्थायी रूप से बंद हैं और पीएन ओक जैसे इतिहासकार सहित करोड़ों हिंदू उपासकों मानते हैं कि उन कमरों में भगवान शिव के मंदिर मौजूद हैं।'
ताजमहल में बंद दरवाजों के पीछे की वजह के संबंध में एएसआई को दायर एक आरटीआई का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है, 'भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, आगरा की ओर से जवाब में कहा गया था कि सुरक्षा कारणों से वे दरवाजें बंद हैं।'