कश्मीर में केवल इनकमिंग कॉल की सुविधा, इंटरनेट सेवा के बहाल होने का नहीं मिला कोई संकेत

By सुरेश डुग्गर | Published: August 19, 2019 05:53 PM2019-08-19T17:53:12+5:302019-08-19T17:53:12+5:30

अफवाहों को रोकने के लिए जम्मू क्षेत्र के सभी जिलों में बंद की गई 2जी इंटरनेट सेवाएं कब चलेंगी फिलहाल प्रशासन ने कोई संकेत नहीं दिया है। राज्य प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि आर्टिकल 370 और 35ए को हटाए जाने के बाद से वॉट्सऐप के जरिए फैलाई जा रही अफवाहों को रोकना वर्तमान चुनौती है।

Only incoming mobile calls may be allowed initially in Kashmir | कश्मीर में केवल इनकमिंग कॉल की सुविधा, इंटरनेट सेवा के बहाल होने का नहीं मिला कोई संकेत

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsअधिकारियों ने दावा किया कि सच्चाई यह है कि जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित राज्य बनने के बाद लाखों सरकारी कर्मचारियों को योजनाओं के लाभ मिल सकेंगे।जम्मू कश्मीर के युवा अब दूसरे राज्यों में भी नौकरी के लिए आजाद हैं।वॉट्सऐप के जरिए अफवाह फैलाई जा रही है कि अब कश्मीर में बाहरी लोग आकर यहां की जमीन और नौकरियों पर कब्जा कर लेंगे।

कश्मीर में 15 दिनों से पूरी तरह से बंद पड़े हुए मोबाइल फोनों को सरकार इस हफ्ते के अंत में चलाएगी। लेकिन इन फोन्स में सिर्फ इनकमिंग काल की ही सुविधा दी जाएगी। राज्य में सवा करोड़ मोबाइलों में से लगभग 70 लाख मोबाइल फोन अभी बंद पड़े हुए हैं। यह सिर्फ कश्मीर वादी में ही नहीं बल्कि जम्मू संभाग के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी बंद हैं।

एक सूत्र के मुताबिक, कश्मीर में लैंडलाइन के बाद मोबाइल सेवा को बहाल करने का फैसला इस हफ्ते के आखिर में होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, घाटी के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लैंडलाइन टेलिफोन एक्सचेंज के प्रभाव का आंकलन करने के बाद ही कश्मीर में मोबाइल सर्विस को बहाल करने का फैसला लिया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि शुरुआत में केवल इनकमिंग कॉल की सुविधा दी जाएगी। इससे यहां के स्थानीय लोग जम्मू कश्मीर से बाहर अन्य राज्यों से कॉल अटेंड कर सकेंगे और आईएसडी कॉल की सुविधा भी प्राप्त कर सकेंगे। जबकि मोबाइल इंटरनेट अभी कुछ समय तक बंद ही रहेगा।

उधर अफवाहों को रोकने के लिए जम्मू क्षेत्र के सभी जिलों में बंद की गई 2जी इंटरनेट सेवाएं कब चलेंगी फिलहाल प्रशासन ने कोई संकेत नहीं दिया है। राज्य प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि आर्टिकल 370 और 35ए को हटाए जाने के बाद से वॉट्सऐप के जरिए फैलाई जा रही अफवाहों को रोकना वर्तमान चुनौती है। वॉट्सऐप के जरिए अफवाह फैलाई जा रही है कि अब कश्मीर में बाहरी लोग आकर यहां की जमीन और नौकरियों पर कब्जा कर लेंगे।

अधिकारियों ने दावा किया कि सच्चाई यह है कि जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित राज्य बनने के बाद लाखों सरकारी कर्मचारियों को योजनाओं के लाभ मिल सकेंगे। रही बात भूमि अधिकार की तो क्या हिमाचल पर बाहरी लोगों ने कब्जा कर लिया है क्या? नहीं न, जम्मू कश्मीर के युवा अब दूसरे राज्यों में भी नौकरी के लिए आजाद हैं। डीजीपी दिलबाग सिंह ने दावा किया कि श्रीनगर में पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है।

सरकार के दावे के अनुसार, इससे पहले घाटी में रविवार को 10 और टेलिफोन एक्सचेंजों ने काम करना फिर से शुरू कर दिया। हालांकि, पहले बहाल 17 एक्सचेंज में से एक पर सेवाएं रोक दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन को लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल दुष्प्रचार अभियान में करने की जानकारी मिलने के बाद एक एक्सचेंज पर सेवाएं फिर से रोकी गई हैं। घाटी में मौजूद 50,000 टेलिफोन फिक्स्ड लाइन में 28,000 को चालू कर दिया गया है।

श्रीनगर के डेप्युटी कमिश्नर शाहिद इकबाल चौधरी ने शनिवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों और विद्यालयों के प्रमुखों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जिले में विद्यालयों को खोलने को लेकर गहन चर्चा हुई। विद्यार्थियों की सुरक्षा जिला प्रशासन की मुख्य चिंता है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।

Web Title: Only incoming mobile calls may be allowed initially in Kashmir

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