जो मध्यम मार्ग अपनाता है उसे सोशल मीडिया पर गालियां पड़ती हैं- लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव में बोलीं एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश

By शिवेंद्र कुमार राय | Updated: April 2, 2023 18:18 IST2023-04-02T18:17:12+5:302023-04-02T18:18:27+5:30

'क्या भारतीय मीडिया का पूरी तरह धुव्रीकरण हो गया है?' लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव में इस विषय पर बोलते हुए एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश ने कहा कि पत्रकार भी समाज का हिस्सा है और अगर समाज का धुव्रीकरण होगा तो मीडिया का भी होगा।

One who takes the middle path gets abused on social media ANI Editor Smita Prakash at Lokmat National Media Conclave | जो मध्यम मार्ग अपनाता है उसे सोशल मीडिया पर गालियां पड़ती हैं- लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव में बोलीं एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश

लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव में एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश

Highlightsलक्ष्मण रेखा होनी चाहिए लेकिन ये क्या होगी इसे कौन तय करेगा? - स्मिता प्रकाश अगर समाज का धुव्रीकरण होगा तो मीडिया का भी होगा - स्मिता प्रकाशसोशल मीडिया पर जो लोग हमें गाली देते हैं उनकी बातों को भी हम तवज्जो देते हैं- स्मिता प्रकाश

नागपुर: वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी एवं लोकमत के संस्थापक संपादक जवाहरलाल दर्डा की जन्मशताब्दी एवं लोकमत नागपुर संस्करण के स्वर्ण महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में आज 'लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव' का आयोजन किया जा रहा है। नागपुर के रामदासपेठ स्थित होटल सेंटर प्वाइंट में आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम का  विषय है- 'क्या भारतीय मीडिया का पूरी तरह धुव्रीकरण हो गया है?'

इस विषय पर बोलते हुए एएनआई यानी एशियन न्यूज इंटरनेशनल की संपादक स्मिता प्रकाश ने कहा कि जो मध्यम मार्ग अपनाता है उसे सोशल मीडिया पर गालियां पड़ती हैं। कुछ राजनीतिक दल कहते हैं कि उनको मीडिया की कवरेज नहीं मिलती। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि मीडिया इसे कवर नहीं कर रहा है लेकिन सच ये है कि  सबने इस यात्रा को समय और जगह दी। स्मिता प्रकाश ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो लोग हमें गाली देते हैं उनकी बातों को भी हम तवज्जो देते हैं।

स्मिता प्रकाश ने आगे कहा कि हाल फिलहाल ये आरोप खूब सुनने को मिल रहे हैं कि भारतीय मीडिया अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहा है क्योकि इसका  धुव्रीकरण हो गया है।  स्मिता प्रकाश ने कहा कि वह इसे पूरी तरह नहीं नकारती। उन्होने कहा कि हम पत्रकार भी समाज का हिस्सा हैं और अगर समाज का धुव्रीकरण होगा तो मीडिया का भी होगा। 

स्मिता प्रकाश ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि मीडिया की भी एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए लेकिन ये क्या होगी इसे कौन तय करेगा? उन्होंने कहा कि विदेशी मीडिया में कोई खबर छपती है और उसी को बहुत सारे लोग फॉलो करने लगते हैं, ये भी नहीं देखते की इसे किस संदर्भ में कहा गया है और इसे लिखने वाला खुद कितना जानकार है। स्मिता प्रकाश ने एक उदाहरण देकर बताया कि अमेरिका की टाइम मैगजीन ने अमृतपाल केस के दौरान इंटरनेट बंद करने पर लिखा कि पंजाब में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, जबकि इसी लेख में स्वीकार किया गया कि लेखिका अमृतपाल के बारे में ज्यादा नहीं जानती।

बता दें कि लोकमत मीडिया समूह की ओर से खासतौर पर पत्रकारों के लिए आयोजित किया गया यह पहला नेशनल कॉन्क्लेव है। इस कॉन्क्लेव के जरिए विदर्भ के पत्रकारों को एक महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय स्तर के नामी पत्रकारों के विचार सुनने का मौका मिलेगा।

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