बिलकिस मामले रिहा होने वाले 11 दोषियों में से एक ने कहा, 'हम राजनीति के शिकार हो गये थे'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 16, 2022 20:27 IST2022-08-16T20:20:09+5:302022-08-16T20:27:36+5:30

बिलकिस मामले में रिहा होने वाले 11 दोषियों में से एक शैलेश भट्ट ने दावा किया कि वे बेकसूर थे और "राजनीति के शिकार" हो गये थे। 

One of the 11 convicts to be released in the Bilkis case said, 'We had become victims of politics' | बिलकिस मामले रिहा होने वाले 11 दोषियों में से एक ने कहा, 'हम राजनीति के शिकार हो गये थे'

फाइल फोटो

Highlightsबिलकिस मामले में रिहा हुए एक दोषी ने कहा कि वो 'राजनीति के शिकार' हो गये थेरिहा हुए शैलेश भट्ट ने कहा कि वे और सभी 11 दोषी बेकसूर थे, सभी एक ही गांव के रहने वाले थेशैलेश बिलकिस मामले में पकड़े जाने से पहले दाहोद भाजपा की जिला इकाई के पदाधिकारी थे

अहमदाबाद: साल 2002 में बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप और हत्या के 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने 15 अगस्त को अपनी छूट नीति के तहत आजीवन कारावास से मुक्त करते हुए गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया। रिहा हुए 11 दोषियों में से एक ने मंगलवार को कहा कि वो इस मामले में सलाखों के पीछे किसी जुर्म के कारण नहीं बल्कि 'राजनीति के शिकार' होकर बंद थे।

11 दोषियों में से एक शैलेश भट्ट ने दावा किया कि जब उनकी इस मामले में गिरफ्तार हुई थी तो वह तत्कालीन सत्ताधारी दल भाजपा के लोकल नेता थे। 63 साल के शैलेश भट्ट कहते हैं कि वे बेकसूर थे और "राजनीति के शिकार" हो गये।

63 वर्षीय साल से शैलेश भट्ट अपने उनके भाई मामले में सह-दोषी मितेश भट्ट सहित अन्य दोषियों के साथ गोधरा उप-कारागार से निकलने के बाद दाहोद जिले के अपने सिंगोर गांव के लिए रवाना हो गए।

भट्ट को बिलकिस मामले में मुंबई की विशेष सीबीआई कोर्ट ने 10 अन्य दोषियों के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। चूंकि शैलेश भट्ट समेत सभी दोषियों ने 15 साल से अधिक की सजा पूरी कर ली थी, इसलिए गुजरात सरकार की छूट नीति के तहत सभी दोषियों को सोमवार को रिहा कर दिया गया।

रिहाई के बाद मंगलवार को जब शैलेश भट्ट अपने भाई मितेश के साथ गांव पहुंचे तो पूरा गांव खामोश था। न तो उनके रिहाई पर किसी ने खुशी व्यक्त की और न ही स्वागत किया। गांव में पत्रकारों से बात करते हुए शैलेश भट्ट ने कहा, "हमारा सिंगोर एक छोटा सा गांव है। सभी 11 दोषी इसी गांव के हैं। हम सब राजनीति के शिकार हो गये थे।"

उन्होंने कहा, "बिलकिस मामले में पकड़े जाने से पहले मैं एक किसान हुआ करता था और साथ में मैं दाहोद भाजपा की जिला इकाई के पदाधिकारी भी था। मेरा भाई मितेश पंचमहल डेयरी में क्लर्क था, जब उसे पकड़ा गया था।"

शैलेश ने कहा, "हमें 2004 में गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद हम 18 साल से अधिक समय तक जेल में बंद रहे। अब रिहा होने के बाद जब मैं परिवार के पास आ गया हूं तो घर में हर कोई खुश है। जब मैं जेल गया था तो मेरा बेटा आठ या नौ साल का था, अब वह जवान हो चुका है और पंचमहल डेयरी में काम करता है। उसे अपने करीब पाकर मैं बेहद खुश हूं।"

चेहरे पर थोड़ी मायूसी लिये शैलेश भट्ट ने बताया कि साल 2007 में जब वो जेल में थे तब उनकी मां का देहांत हो गया था। अदालत ने मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दी थी।

शैलेश की तरह बिलकिस मामले में एक अन्य दोषी राधेश्याम शाह ने भी सोमवार को रिहाई के बाद कहा था कि सभी 11 लोग इस मामले में निर्दोष हैं। उन्होंने दावा किया था, "हमारे विश्वास और विचारधारा के कारण हमें गलत मामले में फंसा दिया गया और हमने लगभग 18 साल जेल में बिताये।"

दोषियों की लाचारी को बयां करते हुए राधेश्याम शाह ने कहा कि कुछ आरोपियों की तो केस के ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई और जो जेल में बचे थे। उनमें से कुछ ने जेल में रहते हुए अपनी पत्नियों को खो दिया।

मालूम हो साल 2002 में गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस की एस-6 कोच में आग लगने की घटना के बाद हुई हिंसा के दौरान हुई 21 साल की 5 महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप किया गया था और साथ में उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: One of the 11 convicts to be released in the Bilkis case said, 'We had become victims of politics'

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