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उत्तराखंड: हल्द्वानी जेल में 1 महिला और 43 पुरुष कैदी हुए एचआईवी पॉजिटिव, इलाज के लिए जेल में बनाया गया एआरटी केंद्र

By आजाद खान | Updated: April 10, 2023 09:25 IST

मामले में बोलते हुए सुशीला तिवारी अस्पताल के एआरटी केंद्र प्रभारी डॉ. परमजीत सिंह ने कहा है कि "जो भी कैदी एचआईवी से संक्रमित होता है, उसे राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) के दिशा-निर्देशों के आधार पर मुफ्त इलाज और दवाएं दी जाती हैं।"

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ठळक मुद्देउत्तराखंड के हल्द्वानी जेल में एक साथ 44 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए है। इन एचआईवी पॉजिटिव कैदियों में एक महिला कैदी भी संक्रमित पाई गई है। ऐसे में कैदियों के इलाज के लिए जेल में ही एआरटी केंद्र बनाया गया है।

देहरादून: उत्तराखंड के हल्द्वानी जेल में 44 कैदी एचआईवी से संक्रमित पाए गए है। बताया जा रहा है कि जिन कैदियों को एचआईवी से संक्रमित पाया गया है उन में से एक महिला कैदी भी है। कैदियों के चआईवी पॉजिटिव पाए जाने पर बोलते हुए सुशीला तिवारी अस्पताल के एआरटी केंद्र प्रभारी डॉ. परमजीत सिंह ने कहा है कि कैदियों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। 

डॉ. परमजीत सिंह ने आगे कहा है कि इन कैदियों के इलाज के लिए एक एआरटी (एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी) केंद्र बनाया गया है जिसमें संक्रमितों का इलाज हो रहा है। सिंह के मुताबिक, हालात पर उनकी टीम लगातार नजर रखी हुई है। यही नहीं जेल प्रशासन लगातार कैदियों की रूटीन चेकअप भी कर रहे है। 

क्या है पूरा मामला

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, हल्द्वानी जेल के 43 पुरुष और एक महिला कैदी को एचआईवी पॉजिटिव पाया गया है। इतनी बड़ी संख्या में जेल में एचआईवी पॉजिटिव कैदियों के पाए जाने से जेल में हड़कंप मच गया है। ऐसे में जेल में ही एचआईवी रोगियों के लिए एक एआरटी (एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी) केंद्र बनाया गया है जहां पर संक्रमितों का इलाज हो रहा है। 

संक्रमित कैदियों के इलाज की देखरेख कर रहे डॉ. परमजीत सिंह ने कहा है कि "जो भी कैदी एचआईवी से संक्रमित होता है, उसे राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) के दिशा-निर्देशों के आधार पर मुफ्त इलाज और दवाएं दी जाती हैं।" उन्होंने बताया कि हमारी टीम लगातार इन कैदियों की इलाज के साथ इनकी जांच भी कर रही है। 

जेल में 1629 है पुरुष और 70 है महिला कैदी

डॉ. सिंह के मुताबिक, फिलहाल जेल में 1629 पुरुष और 70 महिला कैदी है। ऐसे में जेल में इतनी भारी संख्या में कैदियों के एचआईवी पॉजिटिव होने के कारण जेल प्रशासन भी अलर्ट हो गया है और कैदियों की नियमित जांच शुरू कर दी गई है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि  एचआईवी पॉजिटिव कैदियों के कारण और कोई कैदी संक्रमित न हो और इस जांच में अगर कैदी संक्रमित पाए जाते है तो समय पर उनका इलाद हो पाए।  

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