हिंसाग्रस्त मणिपुर में एक दिन की विधानसभा सत्र का आयोजन, कुकी-जोमी समुदाय के 10 विधायक नहीं लेंगे हिस्सा

By अंजली चौहान | Published: August 29, 2023 10:52 AM2023-08-29T10:52:06+5:302023-08-29T10:54:05+5:30

मणिपुर विधानसभा आखिरी बार फरवरी-मार्च के दौरान बजट सत्र के लिए बुलाई गई थी और 3 मई को हुई झड़पों के कारण मानसून सत्र को आगे बढ़ा दिया गया था।

One day assembly session organized in violence-hit Manipur 10 MLAs from Kuki-Jomi community will not participate understand in ten points | हिंसाग्रस्त मणिपुर में एक दिन की विधानसभा सत्र का आयोजन, कुकी-जोमी समुदाय के 10 विधायक नहीं लेंगे हिस्सा

फोटो क्रेडिट- गूगल

इंफाल: भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा भड़ने के चार महीने बाद आज एक दिवसीय विधानसभा सत्र का आयोजन किया जा रहा है। सत्र में राज्य में जारी हिंसा को लेकर विस्तृत चर्चा की उम्मीद की जा रही है। वहीं, राज्य में कुकी-जोमी और मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा को लेकर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। 

इन 10 बिंदुओं से समझे सत्र की अहम बातें

1- मणिपुर में आखिरी बार फरवरी-मार्च के दौरान बजट सत्र के लिए बुलाई गई थी और 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद मानसून सत्र को आगे बढ़ा दिया गया था। 

2- कुकी-जोमी आदिवासी निकायों ने एक दिवसीय सत्र को अस्वीकार कर दिया है और समुदाय के 10 विधायक सत्र में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि विधायकों के लिए मैतेई बहुल इम्फाल घाटी की यात्रा करना असुरक्षित होगा जहां विधानसभा स्थित है। नागा विधायकों के सत्र में शामिल होने की संभावना है।

3- मणिपुर के स्पीकर थोकचोम सत्यब्रत सिंह ने कहा कि इस एक दिवसीय विधानसभा सत्र में राज्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की जाएगी। दिन के विधानसभा कार्य के अनुसार, कोई प्रश्नकाल या निजी सदस्य प्रस्ताव नहीं होगा।

4- कुकी-जोमी समाज ने राज्यपाल से विधानसभा सत्र स्थगित करने का अनुरोध किया था लेकिन सरकार ने किसी विशेष सहायता से इनकार कर दिया। मणिपुर के मंत्री सपम रंजन सिंह ने कहा, ''कोई अलग प्रशासन नहीं हो सकता और सरकार इस रुख पर स्पष्ट है।"

5- राज्य भाजपा सूत्रों ने संकेत दिया कि सत्र में मौजूदा जातीय संकट पर कुछ प्रस्ताव अपनाए जाने की संभावना है। इसके विपरीत, आदिवासी निकायों ने संकल्प लिया है कि विधानसभा द्वारा अपनाया गया कोई भी प्रस्ताव कुकी क्षेत्रों में बाध्यकारी नहीं होगा। कांग्रेस ने भी कहा कि यह एक दिवसीय सत्र जनहित में नहीं है।

6- विधानसभा को फिर से बुलाना मैतेई नागरिक समाज समूहों और विपक्षी दलों की एक प्रमुख मांग थी। संविधान के अनुच्छेद 174 के अनुसार, विधानसभा सत्र अपनी अंतिम बैठक से छह महीने के भीतर बुलाया जाना चाहिए।

7- सरकार ने पिछले महीने 21 अगस्त तक सत्र बुलाने की सिफारिश की थी, लेकिन बाद में राजभवन से हरी झंडी नहीं मिलने पर इसे संशोधित कर 28 अगस्त कर दिया। पिछले हफ्ते, मुख्यमंत्री कार्यालय ने घोषणा की कि विधानसभा 29 अगस्त से फिर से बुलाई जाएगी।

8- केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री बी एल वर्मा ने सोमवार को कहा कि मणिपुर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।

9- मणिपुर में कुकी जनजाति और मैतेई लोगों के बीच अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर हिंसा भड़क उठी। तब से कम से कम 170 लोग मारे गए हैं और हजारों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।

10- दो दिन पहले राज्य की राजधानी इंफाल से आगजनी की एक घटना सामने आई थी, जब भीड़ ने तीन खाली पड़े घरों में आग लगा दी थी। रविवार सुबह इंफाल पश्चिम जिले में अज्ञात लोगों ने सुरक्षाकर्मियों से हथियार छीन लिए।

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