Jammu & Kashmir: मौलवी फारूक और लोन की बरसी पर बंद रहा कश्मीर, लगाई गई धारा 144

By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 21, 2022 04:56 PM2022-05-21T16:56:46+5:302022-05-21T16:56:46+5:30

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर पुराने शहर के पांच थाना क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पाबंदियां लगाई गई थी।

on the anniversary of Maulvi Farooq and Lone kashmir shuts down, Section 144 imposed | Jammu & Kashmir: मौलवी फारूक और लोन की बरसी पर बंद रहा कश्मीर, लगाई गई धारा 144

Jammu & Kashmir: मौलवी फारूक और लोन की बरसी पर बंद रहा कश्मीर, लगाई गई धारा 144

Highlightsपुराने शहर में नौहट्टा, खानयार, रैनावाड़ी, एमआर गंज और सफा कदल में धारा 144हुर्रियत कांफ्रेंस के उदार धड़े ने किया था बंद का आह्वान

जम्मू: मौलवी मुहम्मद फारूक और अब्दुल गनी लोन की बरसी पर कश्मीर आज बंद रहा। बंद का आह्वान हुर्रियत कांफ्रेंस के उदार धड़े ने किया था जिसकी अध्यक्षत मीरवाइज उमर फारूक करते हैं। पुराने शहर में नौहट्टा, खानयार, रैनावाड़ी, एमआर गंज और सफा कदल में प्रतिबंध लगाए गए थे, जबकि अन्य इलाकों मैसूमा और क्रालखद में आंशिक प्रतिबंध लगाए गए थे। 

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर पुराने शहर के पांच थाना क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पाबंदियां लगाई गई थी। कानून और व्यवस्था बनाए रखने और प्रतिबंधों को लागू करने के लिए पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दल तैनात किए गए हैं। ईदगाह पर अलगाववादियों को रैली निकालने से रोकने के लिए सफाकदल, रैनावारी, नौहट्टा, एमआर गुंड और खानयार थानों में बड़ी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैनिक कर्मियों को तैनात किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि नौहट्टा, गोजवारा और राजौरी कदाल सहित शहर के कई हिस्सों में अधिकतर दुकानें बंद रहीं। उन्होंने हालांकि, स्पष्ट किया कि इन इलाकों के साथ-साथ शहर के बाकी हिस्सों में सार्वजनिक परिवहन जारी है। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के अन्य हिस्सों सहित बाकी जिलों में दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान खुले हुए हैं। उन्होंने बताया कि संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है ताकि कानून व्यवस्था की समस्या से निपटा जा सके।

अलगावादी धड़े ने लोगों से अपील की है कि वे बुधवार को ईदगाह आए और उनके लिए नमाज अता करें। उल्लेखनीय है कि ईदगाह में ही दोनों नेताओं को दफनाया गया है। अब्दुल गनी लोन प्रमुख हुर्रियत नेता और पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन के पिता थे जिनकी हत्या 21 मई 2002 को कश्मीर के पूर्व मीरवाइज मौलवी मोहम्मद फारूक की बरसी पर आयोजित रैली के दौरान कर दी गई थी। 

मौलवी फारूक, हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक के पिता थे जिनकी हत्या 21 मई 1990 को कर दी गई थी। इस बीच, अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सज्जाद लोन ने कहा कि अब्दुल लोन की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह कहते थे कि जिन्होंने उनकी (फारूक की) हत्या की है वे आतंकवादी हैं और जहन्नुम में सड़ेंगे। माकपा नेता एमवाई तारिगामी ने दोनों दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि दोनों का संवाद में पूरा विश्वास था।

Web Title: on the anniversary of Maulvi Farooq and Lone kashmir shuts down, Section 144 imposed

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