जानकारी नहीं देने पर मप्र में सूचना आयुक्त ने दो अधिकारियों को ढाई-ढाई लाख रुपये जुर्माने का नोटिस दिया

By भाषा | Updated: August 10, 2019 17:04 IST2019-08-10T17:04:21+5:302019-08-10T17:04:21+5:30

सूचना आयुक्त तिवारी ने उमरिया जिले की चंदिया नगर पालिका के अधिकारियों-- विनोद चतुर्वेदी और नरेन्द्र कुार पांडे--को ढाई-ढाई लाख रुपये के जुर्माने के नोटिस जारी किये हैं। तिवारी ने कहा, ‘‘बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) यह स्पष्ट करने में असफल रहे हैं कि मामूली सी जानकारी के निवारण में तीन वर्ष से अधिक का विलंब क्यों हुआ

On not giving the information, the Information Commissioner in Madhya Pradesh gave a notice to two officials to pay a fine of Rs 2.5 lakh. | जानकारी नहीं देने पर मप्र में सूचना आयुक्त ने दो अधिकारियों को ढाई-ढाई लाख रुपये जुर्माने का नोटिस दिया

प्रकरण को अनावश्यक लंबित रखा। यहां तक कि जुलाई 2016 में प्रथम अपील आदेश के बावजूद उन्हें जानकारी नहीं मिली।

Highlightsराज्य सूचना आयोग के पिछले आदेशों पर कोई गौर नहीं किया गया।’’ अपीलार्थी अनुपम मिश्रा ने मार्च 2016 में 10 अलग-अलग आवेदन दिए थे।लोक सूचना अधिकारी नरेंद्र कुमार पांडे ने 30 दिन की तय सीमा में जानकारी नहीं दी और न ही कोई निर्णय लिया।

मध्य प्रदेश के सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने आटीआई अर्जियों पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने को लेकर प्रदेश के दो सरकारी अधिकारियों को ढाई-ढाई लाख रुपये जुर्माने के नोटिस जारी किये हैं।

सूचना आयुक्त तिवारी ने उमरिया जिले की चंदिया नगर पालिका के अधिकारियों-- विनोद चतुर्वेदी और नरेन्द्र कुार पांडे--को ढाई-ढाई लाख रुपये के जुर्माने के नोटिस जारी किये हैं। तिवारी ने कहा, ‘‘बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) यह स्पष्ट करने में असफल रहे हैं कि मामूली सी जानकारी के निवारण में तीन वर्ष से अधिक का विलंब क्यों हुआ?

राज्य सूचना आयोग के पिछले आदेशों पर कोई गौर नहीं किया गया।’’ अपीलार्थी अनुपम मिश्रा ने मार्च 2016 में 10 अलग-अलग आवेदन दिए थे। लेकिन तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी नरेंद्र कुमार पांडे ने 30 दिन की तय सीमा में जानकारी नहीं दी और न ही कोई निर्णय लिया।

प्रकरण को अनावश्यक लंबित रखा। यहां तक कि जुलाई 2016 में प्रथम अपील आदेश के बावजूद उन्हें जानकारी नहीं मिली। वहीं, दूसरी अपील में आयोग के आदेश की अवहेलना का दोषी लोक सूचना अधिकारी विनोद चतुर्वेदी को पाया गया है, जिन्होंने खुद पेश होने की बजाए अपने प्रतिनिधि के जरिए कुछ प्रकरणों में अपीलार्थी को जानकारी देने का प्रमाण भेजा।

लेकिन वह यह स्पष्ट करने में असफल रहे कि प्रकरण के समाधान में तीन वर्ष से अधिक का विलंब क्यों हुआ? तिवारी ने कहा कि यह टालमटोल का लापरवाहीपूर्ण और खानापूर्ति करने का अलोकप्रिय सरकारी रवैया है। 

Web Title: On not giving the information, the Information Commissioner in Madhya Pradesh gave a notice to two officials to pay a fine of Rs 2.5 lakh.

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