जम्मू, 2 जुलाई: जम्मू कश्मीर की राजनीती में एक बार फिर से हलचल है। पीडीपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बातें हो रही हैं। हालाकिं अभी तक किसी भी प्रकार की अधिकारिक तौर पर कोई सूचना नहीं मिली है। इसी पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी-कांग्रेस के गठबंधन को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा 'आज ही कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने इन सभी बातों को अफवाह बताई है, और अगर आजाद साहब ने इसे खारिज किया है तो इसपर बोलने को कुछ नहीं है।
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बता दें कि सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई है। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम समेत पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर मंगलवार को कांग्रेस विधायकों की श्रीनगर में बैठक भी होनी है। इसके साथ ही खबर यह भी है कि बीते दो दिनों से पीडीपी नेता और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती दिल्ली में ही हैं। कहा जा रहा है कि दोनों पार्टी के नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा का दौर जारी है। हालांकि रविवार को कांग्रेस ने पीडीपी के साथ गठबंधन की संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया था।
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उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में कुल 89 विधान सभा सीटें हैं। राज्य में कुल 87 सीटों के लिए चुनाव होते हैं। दो सीटें मनोनीत सदस्यों के लिए आरक्षित है। अभी विधान सभा में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के पास 28 विधायक हैं। कांग्रेस के पास 12 विधायक हैं। राज्य में बहुमत के लिए कुल 44 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है। ऐसे में अगर पीडीपी और कांग्रेस एक साथ आते हैं तो उनको 40 सीट मिल जाएंगे और बहुमत के लिए कुल 44 विधायक चाहिए। खबरों की मानें तो कांग्रेस कहना है कि अगर 3 निर्दलीय विधायक और 1-1 सीपीआईएम-जेकेडीऍफ के विधायक सरकार बनाने के पक्ष में हैं। उन्होंने इस बात का भरोसा भी दिलाया है कि वह विधायक सरकार बनाने में साथ देंगे। मंगलवार को होने वाली बैठक में इन्हीं मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
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