मरम्मत के बाद भारत की सबसे प्राचीन मस्जिद की पुरानी शान बहाल

By भाषा | Updated: September 22, 2021 15:10 IST2021-09-22T15:10:24+5:302021-09-22T15:10:24+5:30

Old glory of India's oldest mosque restored after repair | मरम्मत के बाद भारत की सबसे प्राचीन मस्जिद की पुरानी शान बहाल

मरम्मत के बाद भारत की सबसे प्राचीन मस्जिद की पुरानी शान बहाल

त्रिशूर (केरल), 22 सितंबर भारतीय उप महाद्वीप की सबसे पुरानी त्रिशूर की मस्जिद मरम्मत के बाद नमाजियों और आम लोगों के लिए फिर से खोली जाएगी।

राज्य संचालित मुजिरिस हेरिटेज प्रोजेक्ट (एमएचपी) के तहत ‘चेरामन जामा मस्जिद’ की सुंदरता को करीब 30 महीने के कार्य के बाद बहाल कर दी गई है। यह मस्जिद 629 ईस्वी में बनाई गई थी।

एमएचपी के प्रबंध निदेशक पी एम नौशाद ने कहा कि त्रिशूर जिले के कोडुंगल्लूर में स्थित इस ढांचे को उसकी मूल शैली और संरचना के साथ बहाल किया गया है और इस पर करीब 1.14 करोड़ रुपये का खर्च आया।

उन्होंने बताया कि इसकी मरम्मत मई, 2019 में शुरू हुई थी और इसके अलावा मस्जिद में दो मंजिला इस्लामिक हेरिटेज म्यूजियम (इस्लामिक विरासत संग्रहालय) का निर्माण भी करीब एक करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।

सरकार को मरम्मत कार्य पूरा होने की जानकारी देने के बाद एमएचपी अधिकारी अब मुख्यमंत्री पी विजयन की आम लोगों के लिए इस मस्जिद को खोलने की तारीख की घोषणा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

नौशाद ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मौखिक तौर पर कही जाने वाली परंपरा के अनुसार चेरामन पेरुमल नाम का राजा सातवीं शताब्दी में अरब गए थे, जहां उन्होंने पैगंबर मोहम्मद से मुलाकात की और इस्लाम धर्म अपना लिया। वहां से उन्होंने एक फारसी विद्वान मलिक इब्न दिनार के जरिए भारत खत भिजवाए और ऐसा माना जाता है कि दिनार ने राजा की मौत के पांच साल बाद, 629 ईस्वी में मस्जिद का निर्माण कराया।

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Web Title: Old glory of India's oldest mosque restored after repair

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