आम आदमी पार्टी को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत, 20 विधायकों की सदस्यता बरकरार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: March 23, 2018 15:27 IST2018-03-23T14:35:37+5:302018-03-23T15:27:41+5:30

दिल्ली हाई कोर्ट ने माना कि विधायकों के साथ नेचुरल जस्टिस नहीं हुआ है। हाई कोर्ट में विधायकों अयोग्यता को उस समय चुनौती दी थी जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आयोग की सिफारिशों को अपनी मंजूरी दे दी थी।

Office of Profit case: Delhi High court disqualifed 20 AAP MLA's, top things to know | आम आदमी पार्टी को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत, 20 विधायकों की सदस्यता बरकरार

आम आदमी पार्टी को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत, 20 विधायकों की सदस्यता बरकरार

नई दिल्ली, 23 मार्च: आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के लाभ के पद मामले पर शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधयाकों की याचिका पर कहा है कि चुनाव आयोग दोबारा सुनवाई करे। आप नेता अल्का लांबा कहा है कि यह दिल्ली की जनता की जीत है। फिलहाल आम आदमी पार्टी के 20 विधायक सदस्य बने रहेंगे। इन विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस चंद्र शेखर की पीठ ने 28 फरवरी को इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा। इस मामले में अदालत ने विधायकों, चुनाव आयोग और अन्य पक्षों की दलीलें सुनी थीं। 

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है, 'सत्य की जीत हुई। दिल्ली के लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को ग़लत तरीक़े से बर्खास्त किया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के लोगों को न्याय दिया। दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत। दिल्ली के लोगों को बधाई।'


आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इलेक्शन कमीशन ने विधायकों को अपनी बात रखने का मौका ही नहीं दिया। हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि इलेक्शन कमीशन दोबारा सुनवाई करे।


सुनवाई के दौरान विधायकों ने अदालत से कहा था कि कथित रूप से लाभ का पद रखने पर उन्हें अयोग्य ठहराए जाने का आयोग का आदेश ‘नैसर्गिक न्याय का पूरा उल्लंघन’ है क्योंकि उन्हें आयोग के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका नहीं दिया गया। विधायकों ने पीठ से यह भी आग्रह किया कि इस मामले को नये सिरे से सुनने के निर्देश के साथ वापस आयोग के पास भेजा जाए। उन्होंने उच्च न्यायालय में उनकी अयोग्यता को उस समय चुनौती दी थी जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आयोग की सिफारिशों को अपनी मंजूरी दे दी थी।

वो 20 विधायक जिनकी सदस्यता गई

1. प्रवीण कुमार (जंगपुरा)

2. शरद कुमार (नरेला)

3. आदर्श शास्त्री (द्वारका)

4. मदन लाल (कस्तूरबा नगर)

5. शिव चरण गोयल (मोती नगर) 

6. संजीव झा (बुराड़ी)

7. सरिता सिंह (रोहतास नगर) 

8. नरेश यादव (मेहरौली)
 
9. राजेश गुप्ता (वजीरपुर)

10. राजेश ऋषि (जनकपुरी) 

11. अनिल कुमार वाजपेयी- (गांधी नगर) 

12. सोम दत्त (सदर बाजार) 

13. अवतार सिंह (कालकाजी) 

14. विजेंदर गर्ग विजय (राजेंद्र नगर) 

15. जरनैल सिंह (तिलक नगर) 

16. कैलाश गहलोत (नजफगढ़) 

17. अलका लांबा (चांदनी चौक) 

18. मनोज कुमार (कोंडली) 

19. नितिन त्यागी (लक्ष्मी नगर) 

20. सुखवीर सिंह (मुंडका)

*PTI-Bhasha Inputs

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