ओडिशा ट्रेन हादसा: हाल के दशक में हुई भारत की बड़ी रेल दुर्घटनाएं

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 3, 2023 07:57 AM2023-06-03T07:57:13+5:302023-06-03T08:00:16+5:30

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम में तीन ट्रेनों के बीच हुए हादसे में 233 यात्रियों को जान गवानी पड़ी है, वहीं लगभग 900 लोग घायल हुए हैं। यहां हम बात कर रहे हैं उन रेल हादसों की, जो बीते हुए दशक में हुई हैं।

Odisha train accident: India's major rail accidents in recent decades | ओडिशा ट्रेन हादसा: हाल के दशक में हुई भारत की बड़ी रेल दुर्घटनाएं

ओडिशा ट्रेन हादसा: हाल के दशक में हुई भारत की बड़ी रेल दुर्घटनाएं

Highlightsओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम में तीन ट्रेनों के बीच हुए टक्कर में 233 लोग की जान गई हादसा उस वक्त हुआ जब दो यात्री ट्रेन के कोच पटरी से उतर गये और उनकी मालगाड़ी से टक्कर हो गईरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद मौके पर हैं और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं

भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम में तीन ट्रेनों के बीच हुए हादसे में सैकड़ों यात्रियों को जान गवानी पड़ी है, वहीं लगभग 900 लोग घायल हुए हैं। यह हादसा उस वक्त हुआ जब दो यात्री ट्रेन के कोच पटरी से उतर गये और उनकी मालगाड़ी से टक्कर हो गई। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक दुर्घटना में कई बोगियों क्षतिग्रस्त हुईं, जिनमें सवार 233 लोगों की मौत हो गई है।

इस संबंध में रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गये और वो विपरीत ट्रैक पर गिर गये। मौके पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। वहीं ओडिशा सरकार भी मौके पर राहत कार्यों में जुटी हुई है।

भारत में हुई बड़ी रेल दुर्घटनाएं:

7 जुलाई, 2011 को उत्तर प्रदेश में एटा जिले के पास छपरा-मथुरा एक्सप्रेस एक बस से टकरा गई थी। 69 लोगों की जान चली गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा मानव रहित क्रासिंग पर देर रात करीब 1:55 बजे हुआ। ट्रेन तेज गति से चल रही थी और बस करीब आधा किलोमीटर तक घसीटती रही।

वर्ष 2012 को भारतीय रेलवे के इतिहास में रेल दुर्घटनाओं के मामले में सबसे खराब में से एक माना गया था। इस वर्ष लगभग 14 दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जिनमें पटरी से उतरना और आमने-सामने की टक्कर दोनों शामिल हैं।

30 जुलाई, 2012 को दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक डिब्बे में नेल्लोर के पास आग लग गई थी, जिसमें 30 से अधिक लोग मारे गए थे।

26 मई 2014 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर इलाके में गोरखपुर की ओर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस खलीलाबाद स्टेशन के पास रुकी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे 25 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए।

20 मार्च, 2015 को देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस में एक बड़ा हादसा हुआ था। उत्तर में रायबरेली में बछरावां रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन का इंजन और दो बगल के डिब्बे पटरी से उतर जाने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 150 अन्य घायल हो गए थे।

20 नवंबर, 2016 को इंदौर-पटना एक्सप्रेस 19321 कानपुर के पुखरायां के पास पटरी से उतर गई, जिसमें कम से कम 150 यात्रियों की मौत हो गई और 150 से अधिक घायल हो गए।

19 अगस्त, 2017 को हरिद्वार और पुरी के बीच चलने वाली कलिंग उत्कल एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ट्रेन की 14 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिसमें 21 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 97 घायल हो गए।

23 अगस्त, 2017 को दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस के नौ कोच उत्तर प्रदेश के औरैया के पास पटरी से उतर गए, जिससे कम से कम 70 लोग घायल हो गए।

13 जनवरी, 2022 को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के कम से कम 12 डिब्बे पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में पटरी से उतर गए, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 36 अन्य घायल हो गए।

Web Title: Odisha train accident: India's major rail accidents in recent decades

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