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ओडिशा ने उम्मीदवारों के झूठी सूचना देने पर जेल की सजा का प्रावधान करने वाला अध्यादेश जारी किया

By भाषा | Updated: December 25, 2021 21:26 IST

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भुवनेश्वर, 25 दिसंबर ओडिशा विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है, ऐसे में राज्यपाल गणेशी लाल ने राज्य में पंचायत कानूनों में संशोधन के लिए एक अध्यादेश जारी किया है, जिसमें झूठी सूचना देने वाले उम्मीदवारों के लिए जेल की सजा का प्रावधान शामिल है।

चौबीस दिसंबर की राजपत्र अधिसूचना में प्रकाशित संशोधित अध्यादेश में कहा गया है कि एक उम्मीदवार जो खुद या अपने प्रस्तावक के माध्यम से झूठी जानकारी देगा, उसे कारावास से दंडित किया जाएगा।

यह उन लोगों के लिए भी लागू होगा जो अपने नामांकन पत्र या हलफनामे में कोई जानकारी छिपाएंगे और सभी मामलों में कारावास छह महीने तक बढ़ सकता है, या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

राज्यपाल ने ओडिशा पंचायत कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2021 को 23 दिसंबर को ओडिशा ग्राम पंचायत अधिनियम, 1964, ओडिशा पंचायत समिति अधिनियम, 1959 और ओडिशा जिला परिषद अधिनियम, 1991 में संशोधन करने के लिए जारी किया।

हलफनामे में झूठी जानकारी देने पर तीनों अधिनियमों में जुर्माने या सजा का कोई प्रावधान नहीं था।

कानून मंत्री प्रताप जेना ने कहा, ‘‘अब अध्यादेश में सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।’’

अध्यादेश में कहा गया है कि त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के किसी भी ऐसे निर्वाचित सदस्य को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा, जिसने नामांकन दाखिल करते समय अपने आपराधिक इतिहास, संपत्ति और देनदारियों तथा शैक्षिक योग्यता से संबंधित हलफनामा प्रस्तुत नहीं किया होगा।

इसमें ग्राम पंचायत और पंचायत समिति अधिनियमों के तहत यह भी प्रावधान किया गया है कि पंचायतें गाँव, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर उचित आपदा प्रबंधन तैयार करेंगी क्योंकि राज्य को प्राय: चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थानों के चुनाव के लिए राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा अपनाई जाने वाली आदर्श आचार संहिता 19 दिसंबर को जारी की थी।

पंचायत चुनाव मार्च 2022 से पहले पांच चरणों में होने की संभावना है क्योंकि उस समय तक सभी पीआरआई का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।

राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना में कहा गया है कि 853 जिला परिषदों में पार्टी चिह्न के साथ और 91,916 वार्ड तथा 6,794 पंचायतों में गैर दलीय आधार पर मतदान होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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