बीजू जनता दल के मुखिया और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को कहा कि वह देश में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने का समर्थन करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर विषय पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी इस विचार का समर्थन करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में ‘शांति’ एवं ‘अहिंसा’ शब्द जोड़ने का सुझाव दिया है। उल्लेखनीय है कि मोदी ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने तथा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के आयोजन सहित अन्य मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलायी थी।
एक देश एक चुनाव सहित अन्य मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक शुरू
लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव कराने सहित अन्य मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद भवन परिसर में बुधवार को बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक शुरू हो गयी। बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया।
संसद में प्रतिनिधित्व रखने वाले सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को बैठक में बुलाया गया था। दोपहर बाद शुरू हुयी बैठक में राजग के घटक दल शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पार्टी का स्थापना दिवस होने के कारण शामिल नहीं हो सके।
बैठक में मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार, आरपीआई अध्यक्ष रामदास अठावले और अपना दल अध्यक्ष आशीष पटेल भी शामिल हुये।
गैर राजग दलों में बीजद के अध्यक्ष नवीन पटनायक, एआईएमाईएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी, पीपीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेशनल कान्फ्रेंस अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी भी शामिल हुये।
आम आदमी पार्टी (आप) ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से एक दृष्टिपत्र मांगा है जिससे कि मुद्दे पर एक सुविज्ञ और व्यापक स्तर की चर्चा हो सके। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से दूर रहे और पार्टी सदस्य राघव चड्ढा को पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा।
मोदी ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार, वर्ष 2022 में स्वतंत्रता के 75 साल होने के जश्न और इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उन सभी दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई थी जिनका लोकसभा या राज्यसभा में एक भी सदस्य है।
चड्ढा ने जोशी को भेजे गए एक पत्र में कहा कि स्पष्ट दृष्टि या आधार की अनुपस्थिति में इस तरह के प्रस्ताव के गुण-दोषों पर टिप्पणी करना किसी भी राजनीतिक दल के लिए व्यर्थ होगा।