मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना वकीलों का दायित्व : न्यायमूर्ति रवींद्र भट
By भाषा | Published: December 4, 2019 06:06 AM2019-12-04T06:06:38+5:302019-12-04T06:06:38+5:30
न्यायमूर्ति भट ने वकीलों के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर अपनी राय सामने रखते हुए कहा, ‘‘ बदलाव का विरोध और उसके प्रति अनिच्छा तकनीकी बदलाव के मद्देनजर वकील की सफलता के मार्ग में बहुत बड़ी बाधा है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट ने मंगलवार को कहा कि बिल्कुल मामूली शुल्क या मुफ्त में कानूनी सहायता प्रदान करना वकीलों का दायित्व है क्योंकि भारतीय समाज में आदिकाल से ज्ञान बांटने और सिखाने का महत्व रहा है।
न्यायमूर्ति भट ने कहा कि वकीलों से वैकल्पिक प्रणालियों के माध्यम से विवादों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने की भी उम्मीद की जाती है। उन्होंने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष में बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा एक कार्यक्रम में ये विचार व्यक्त किये। उनके अलावा न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने भी ‘भारत के वकील दिवस 2019’ नामक इस कार्यक्रम में अपनी बात रखी। इस कार्यक्रम में एसोसिएशन ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी समेत कई वकीलों को कानून के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पुरस्कार दिये।
जेटली और जेठमलानी को मरणोपरांत पुरस्कार दिये गये। न्यायमूर्ति बनर्जी ने कहा, ‘‘ सोच, अभिव्यक्ति, विश्वास और मान्यता की स्वतंत्रता सुरक्षित रखने, दर्जे और अवसर की समानता सुनिश्चित करने और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए बार और पीठ द्वारा संयुक्त प्रयास किया जाना चाहिए।’’ न्यायमूर्ति भट ने वकीलों के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर अपनी राय सामने रखते हुए कहा, ‘‘ बदलाव का विरोध और उसके प्रति अनिच्छा तकनीकी बदलाव के मद्देनजर वकील की सफलता के मार्ग में बहुत बड़ी बाधा है।’’