देश के किसी भी कोने में आए आपदा, सबसे पहले बचाने पहुंचेंगे NYKS वालंटियर्स
By सैयद मोबीन | Updated: September 4, 2019 16:38 IST2019-09-04T15:12:55+5:302019-09-04T16:38:36+5:30
देश के किसी भी कोने में आपदा आने पर अब नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के वालंटियर्स लोगों को बचाने के लिए सबसे पहले मोर्चा संभालेंगे। वालंटियर्स को एनडीआरएफ की बटालियन के हेड क्वॉर्टर्स में ट्रेनिंग दी जा रही है.

आपदाओं से सबसे पहले बचाने पहुंचेंगे एनवाईकेएस के फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स। (Image Source: Facebook/@nyksindia)
जब भी कोई आपदा आती है तो फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है. देश के किसी भी कोने में आपदा आने पर नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की टीम तो वहां पहुंचती ही है लेकिन उन्हें लोकल लैंग्वेज, लोकल एरिया का नॉलेज नहीं होने से राहत कार्य में बाधा आती है. ऐसे मे एनडीआरएफ और युवा व खेल मंत्रालय ने मिलकर नेहरू युवा केंद्र संगठन के वालंटियर्स को फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स के रूप में तैयार करने का निर्णय लिया है. इसके तहत पूरे देश में एनडीआरएफ की बटालियन के हेड क्वॉर्टर्स में इन वालंटियर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है.
मार्च तक 8885 वालंटियर्स को दी जाएगी ट्रेनिंग
एनडीआरएफ की ओर से 31 मार्च 2020 तक देशभर के 8885 वालंटियर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी. देशभर में एनडीआरएफ की 18 बटालियन्स हैं. पहले फेज में इन बटालियन्स के हेड क्वॉर्टर्स में 2 सितंबर से 400 वालंटियर्स की पहली बैच को ट्रेनिंग देने की शुरुआत हो गई है. हर बटालियन के हेड क्वॉर्टर्स में 30 से 40 वालंटियर्स को यह ट्रेनिंग दी जा रही है.
वैसे तो देशभर में 73 हजार वालंटियर्स को ट्रेनिंग देने का टार्गेट रखा गया है. अलग-अलग फेज में इस टार्गेट को पूरा किया जाएगा.
एनडीआरएफ ने बनाया 6 दिन ट्रेनिंग मॉड्यूल
एनडीआरएफ की ओर से इन वालंटियर्स को ट्रेनिंग देने के लिए 6 दिन का मॉड्यूल बनाया गया है. इन 6 दिनों में वालंटियर्स के दिन की शुरुआत पीटी से होती है. इसके बाद खेल, नाटक और वीडियो के माध्यम से उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग को इंटरेस्टेड बनाने के लिए खेल-खेल में सिखाया जा रहा है. रीजन स्पेसिफिक डिजास्टर को ध्यान में रखते हुए विषयों का चयन किया गया है. इसके साथ ही वालंटियर्स को अनुशासन सिखाया जा रहा है.
चलाए जाएंगे अवेयरनेस कैम्पेन
देशभर में डिजास्टर रिस्पॉन्स को लेकर नागरिकों में अवेयरनेस लाने के लिए कैम्पेन चलाए जाएंगे. इन कैम्पेन में एनवाईकेएस के वालंटियर्स की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. कहीं प्रोग्राम तो कहीं नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से अवेयरनेस की जाएगी.
देश में पक्के मकानों की संख्या में होते इजाफे को देखते हुए कंक्रीट के मकानों में रहते हुए आपदा की स्थिति में किए जाने के रिस्पॉन्स के बारे में जानकारी दी जाएगी.
पुल का काम करेंगे वालंटियर्स
ट्रेनिंग लेने वाले वालंटियर्स एनडीआरएफ और स्थानीय नागरिकों के बीच पुल का काम करेंगे. यदि किसी क्षेत्र में आपदा आती है और वहां एनडीआरएफ की टीम मदद कार्य के लिए पहुंचती है तो उनके सामने लोकल लैंग्वेज को समझने और लोकल एरिया को समझने की दिक्कत आती है. ऐसी स्थिति में ये वालंटियर्स मददगार साबित होंगे.
सिलेक्ट होने के लिए यह है जरूरी
इस ट्रेनिंग के लिए सिलेक्ट होने वाले वालंटियर्स के लिए जरूरी है कि वह फिजिकली फिट हो. वह एनर्जेटिक होना चाहिए. उसके भीतर सेवाभाव होना चाहिए. इस तरह के वालंटियर्स का सिलेक्शन करने की जिम्मेदारी मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स की रहेगी.
मिनिस्ट्री द्वारा सिलेक्टेड वालंटियर्स को एनडीआरएफ द्वार ट्रेनिंग दी जाएगी.
खेल-खेल में ट्रेनिंग देने का प्रयास
वालंटियर्स को खेल-खेल में ट्रेनिंग देने का हमारा प्रयास है. इसलिए ट्रेनिंग में खेल, वीडियो, नाटक आदि को शामिल किया गया है. इस ट्रेनिंग का मॉड्यूल एनडीआरएफ ने ही बनाया है. रीजन स्पेसिफिक हादसों को ध्यान में रखते हुए विषयों का चयन किया गया है. पहले फेज में मार्च 2020 तक 8885 वालंटियर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी जबकि कुल 73 हजार वालंटियर्स को ट्रेनिंग देने का टार्गेट है. ये वालंटियर्स नागरिकों और एनडीआरएफ के बीच पुल का काम करेंगे. आपदा प्रबंधन में इनका सहयोग महत्वपूर्ण होगा.
-मनीष रंजन, डायरेक्टर, एनडीआरएफए

