अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में लगाये जाएंगे एनएसजी कमांडो, ड्रोन से होगी हर तरफ निगरानी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 3, 2022 05:48 PM2022-06-03T17:48:57+5:302022-06-03T17:53:05+5:30
अमरनाथ यात्रा पर संभावित आतंकी खतरे को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय पहली बार यात्रा सुरक्षा में एनएसजी कमांडों को तैनात करने जा रहा है। इसके अलावा आतंकियों पर निगरानी के लिए बड़ी संख्या में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
जम्मू: इस बार की अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरा किस हद तक मंडरा रहा है, इस बात से साबित होता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम खुद सुरक्षा प्रबंधों को जांचने के लिए कश्मीर में तब तक रहेगी जब तक यात्रा संपन्न नहीं हो जाती।
अमरनाथ यात्रा पर खतरा कितना है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहली बार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में एनएसजी कमांडों को तैनात किया जाएगा और साथ में निगरानी के लिए बड़ी संख्या में ड्रोन की भी सहायता ली जाएगी।
30 जून (जिस दिन हिमलिंग के प्रथम दर्शन होंगे) से शुरू हो रहे अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को कश्मीर में डेरा डालने के निर्देश गृहमंत्री द्वारा दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, अमरनाथ यात्रा के दौरान संभावित आतंकी हमले को देखते हुए केंद्र सरकार ने एनएसजी कमांडो की कई टुकड़ियों को कश्मीर में तैनात करने का फैसला लिया है। श्रीनगर शहर के अलावा दक्षिण कश्मीर में भी इन जवानों को तैनात किया जाएगा। सुरक्षा कारणों से इनकी लोकेशन को गुप्त रखा गया है।
यह सच है कि अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित संपन्न करवाने के लिए सुरक्षाबलों ने रणनीति तैयार कर ली है। यात्रा मार्ग पर स्थित आधार शिविरों के अलावा 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मल्टी टीयर सुरक्षा बंदोबस्त रहेंगे।
सुरक्षा के पहले घेरे में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सशस्त्र सीमा बल, बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवान तैनात रहेंगे और सेना के जवान बाहरी सुरक्षा घेरे को मजबूती प्रदान करेंगें।
इस वर्ष अमरनाथ यात्रियों के वाहनों पर नजर रखने के लिए उन्हें जीपीएस तथा आरएफआईडी तकनीक से लैस किया जा रहा है। सीआरपीएफ के जवान जीपीएस तकनीक का संचालन करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग तथा आधार शिविरों पर शरारती तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सैंकड़ों ड्रोन की मदद ली जाएगी।
दूसरे घेरे में राज्य पुलिस, जबकि तीसरे में सेना के जवान तैनात रहेंगे। आतंकी हमले या फिर आपदा के दौरान सेना के जवान तीसरे घेरे से निकल कर सुरक्षा के पहले घेरे की कमान संभाल लेंगे। इस वर्ष आतंकी हमले के खतरे को गंभीरता से लेते हुए अमरनाथ यात्रा के दौरान साठ हजार पुलिसकर्मियों समेत लाखों अर्द्ध सैनिक बल तथा सेना के जवान तैनात होंगे।