डिप्लोमेट विवाद: भारत और पाकिस्तान के NSA ने फोन पर लम्बी बात करके सुलझाया मसला
By स्वाति सिंह | Published: April 3, 2018 10:48 AM2018-04-03T10:48:19+5:302018-04-03T10:48:19+5:30
पाकिस्तानी भारतीय हाई कमीशन अजय बिसरिया और उनके समकक्ष सोहेल महमूद ने दिल्ली और इस्लामाबाद के स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यह समझाया कि कोड ऑफ कंडक्ट के द्वारा राजनयिकों और राजनयिक परिसर से संबंधित मुद्दों का हल किया जा सकता है।
नई दिल्ली, 3 अप्रैल: भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) डोभाल और उनके समकक्ष नासिर जंजुआ ने भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे राजनयिक विवाद को लाकर बातचीत कर सुलझा लिया है। इंग्लिश समाचार वेबसाइटटाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एनएसए के सूत्रों ने बताया कि है कि डोभाल और जंजुआ के बीच 26 मार्च को फोन पर बातचीत हुई थी। इसके बाद ही दोनों देशों ने 1992 के कोड ऑफ कंडक्ट के द्वारा राजनयिक विवाद सुलझाने पर हामी भरी है।
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पाकिस्तानी भारतीय हाई कमीशन अजय बिसरिया और उनके समकक्ष सोहेल महमूद ने दिल्ली और इस्लामाबाद के स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यह समझाया कि कोड ऑफ कंडक्ट के द्वारा राजनयिकों और राजनयिक परिसर से संबंधित मुद्दों का हल किया जा सकता है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में दोनों भारत और पाकिस्तान के एनएसए के बीच किसी भी उच्च स्तरीय संपर्क का एकमात्र रूप रहा है। आखिरी बार साल 2017 मेंडोभाल और जंजुआ बैंकाक में एक बैठक में हुई थी। अभी हालिया बातचीत में उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की समग्र स्थिति पर चर्चा कर संपर्क में बने रहने के लिए सहमत हुए हैं।
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जबकि डोभाल ने भारत की स्थिति को रेखांकित करते हुए 15 फरवरी को हुई इस्लामाबाद में एक भारतीय आवासीय परिसर में छापे पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। वहीं इस मामले में जंजुआ ने कहा कि यह पहली बार है कि पाकिस्तान के राजनयिकों की महिलाओं और बच्चों को परेशान किया जा रहा है। भारत ने पाकिस्तान से आश्वासन भी मांगा है कि वह भारतीय परिसर में चल रहे निर्माण कार्य को ब्लॉक नहीं करेगा।
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गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में 22 मार्च को भारतीय उच्चायोग ने वरिष्ठ अधिकारियों को सताए जाने की तीन घटनाओं का विशेष रूप से जिक्र किया था। वहीं, पाकिस्तान ने दावा किया था कि सात मार्च से उसके राजनयिकों को सताए जाने और धमकाए जाने की करीब26 घटनाएं हुई हैं। इसके बाद पाकिस्तान ने अपने उच्चायुक्त सोहैल महमूद को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्वदेश बुलाया था। हालांकि, वह 22 मार्च को नयी दिल्ली लौट गए। इस बीच, शुक्रवार की घोषणा के बाद पाकिस्तान विदेश कार्यालय प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि राजनयिकों से बर्ताव से जुड़े 1992 के तंत्र के तहत इस विषय का हल किया जाएगा।