एनएस विश्वनाथन दोबारा बने RBI के डिप्टी गवर्नर, नियुक्ति 4 जुलाई से प्रभावी
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 1, 2019 04:50 PM2019-07-01T16:50:49+5:302019-07-01T16:50:49+5:30
एन एस विश्वनाथन को एक साल के लिए डिप्टी गवर्नर के पद नियुक्त किया गया है। उनकी यह नियुक्ति 4 जुलाई से प्रभावी होगी। उन्हें यह जिम्मेदारी दूसरी बार मिली है। इससे पहले विश्वनाथन को चार जुलाई 2016 को केंद्रीय बैंक में तीन साल के लिए डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था।
एन एस विश्वनाथन को पुन: साल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया है। एक आधिकारिक आदेश में सोमवार को यह जानकारी दी गई है।
आरबीआई के लिए डिप्टी गवर्नर की तलाश पूरी हो गई है। एन एस विश्वनाथन को एक साल के लिए डिप्टी गवर्नर के पद नियुक्त किया गया है। उनकी यह नियुक्ति 4 जुलाई से प्रभावी होगी। उन्हें यह जिम्मेदारी दूसरी बार मिली है। इससे पहले विश्वनाथन को चार जुलाई 2016 को केंद्रीय बैंक में तीन साल के लिए डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। एन एस विश्वनाथन का कार्यकाल 3 जुलाई 2019 को खत्म होना था, लेकिन सरकार ने उन्हें दोबारा एक साल के लिए नियुक्त किया है।
अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले विश्वनाथन साल 2014 में रिजर्व बैंक के ईडी बनाये गए थे। इसके अलावा विश्वनाथन ने सालों तक अलग-अलग बैंकों के निदेशक के पद पर काम किया है। साथ ही वह आईएफसीआई लिमिटेड के सतर्कता विभाग में चीफ जनरल मैनेजर भी रह चुके हैं। एच आर खान की जगह नाथन को इस पद पर नियुक्ति की गई है।
आपको बता दें कि, रिजर्व बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं। सरकार इनकी नियुक्ति गवर्नर की राय को अहमियत देते हुए करती है। परंपरा है कि चार डिप्टी गवर्नर में से दो केंद्रीय बैंक के ही अधिकारी होते हैं। एक डिप्टी गवर्नर कमर्शियल बैंकिंग क्षेत्र से होता है।
NS Vishwanathan reappointed as Deputy Governor of RBI (Reserve Bank of India) for one year. (File pic) pic.twitter.com/s06WO1xdGf
— ANI (@ANI) July 1, 2019
चौथा डिप्टी गवर्नर कोई जाना माना अर्थशास्त्री होता है। यही चौथे डिप्टी गवर्नर के रूप में विरल आचार्य 20 जनवरी 2017 को तीन साल के लिए नियुक्त किए गए थे। लेकिन हाल ही में विरल आचार्य ने रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस समय आरबीआई में महेश जैन के अलावा रिजर्व बैंक के पास दो गवर्नर हैं। इनमें से एक है बीपी कानूनगो। सबसे वरिष्ठ डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन हैं। विरल आचार्य के इस्तीफा देने के बाद सरकार के सामने दो नए डिप्टी गवर्नर को नियुक्त करने की जिम्मेदारी थी।
कार्मिक मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आदेश के अनुसार कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने विश्वनाथन की एक साल के लिए और डिप्टी गवर्नर पद पर पुन: नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। उनकी नियुक्त चार जुलाई से की प्रभावी होगी। उनका मौजूदा कार्यकाल तीन जुलाई को पूरा हो रहा है।
विश्वनाथन के अलावा इस समय बी पी कानूनगो और एम के जैन केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर हैं। चौथे डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पिछले महीने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही रिजर्व बैंक इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा मंजूर हो गया है और वह बस जुलाई के आखरीर तक रहेंगे।