उर्जित पटेल, विरल आचार्य के बाद डिप्टी गवर्नर विश्वनाथन ने दिया इस्तीफा, 15 माह में RBI को तीसरा झटका
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 6, 2020 16:16 IST2020-03-06T16:16:47+5:302020-03-06T16:16:47+5:30
पिछले 15 माह में RBI को तीसरा झटका लगा है। रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपना पद छोड़ दिया है। दिसंबर 2018 में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने पद छोड़ दिया था। जून 2019 में डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पद से इस्तीफा दे दिया था।

विश्वनाथन का कार्यकाल एक साल के लिए तीन जुलाई तक बढ़ाया गया था। (file photo)
मुंबई/ नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन ने खराब स्वास्थ्य के चलते इस्तीफा दे दिया है। 31 मार्च को उनके कामकाज का अंतिम दिन होगा। वह अपने एक वर्ष का बढ़ाया गया कार्यकाल समाप्त होने से तीन महीने पहले सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
पिछले 15 माह में RBI को तीसरा झटका लगा है। रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपना पद छोड़ दिया है। दिसंबर 2018 में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने पद छोड़ दिया था। जून 2019 में डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस घटनाक्रम से संबद्ध एक व्यक्ति ने बताया कि रिजर्व बैंक ने उनके 31 मार्च तक सेवानिवृत्ति देने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। इस पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुमति मिलना बाकी है, हालांकि स्वास्थ्य कारणों के चलते इसे किसी भी दिन स्वीकार कर लेना चाहिए।
विश्वनाथन का कार्यकाल एक साल के लिए तीन जुलाई तक बढ़ाया गया था। रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि करने या इनकार करने से मना कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि खराब स्वास्थ्य के चलते विश्वनाथन की योजना अप्रैल के अंत तक सेवानिवृत्ति लेने की थी लेकिन शरीर के ठीक नहीं रहने की स्थिति में उन्होंने और जल्दी सेवानिवृत्ति देने का अनुरोध किया है।
यहां बता दें कि एनएस विश्वनाथन ने 1981 में आरबीआई ज्वाइन किया था। वह बैंकिंग इंडस्ट्री के नियम और कानूनों के मामलों के एक्सपर्ट माने जाते हैं। डिप्टी गवर्नर के तौर पर विश्वनाथन बैंकिंग रेगुलेशन, कॉपरेटिव बैंकिंग, डिपॉजिट इंश्योरेंस समेत कई सेक्टर्स पर निगरानी कर रहे थे।