नई दिल्ली: इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने छात्रों से देश में मौजूदा परिस्थितियों को सुधारने की दिशा में काम करने का आग्रह किया, यह कहते हुए कि एक नई वास्तविकता बनाना उनकी जिम्मेदारी थी। उन्होंने जीएमआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (जीएमआरआईटी) के रजत जयंती वर्ष समारोह में छात्रों से कहा, "भारत में वास्तविकता का अर्थ है भ्रष्टाचार, गंदी सड़कें, प्रदूषण और कई बार बिजली न होना।"
उन्होंने आगे कहा, "सिंगापुर में वास्तविकता का मतलब साफ सड़क, कोई प्रदूषण नहीं और बहुत सारी शक्ति है। उस नई वास्तविकता को बनाने की आपकी जिम्मेदारी।" नेतृत्व का निर्माण करने वाले गुणों को परिभाषित करते हुए मूर्ति ने कहा कि एक सच्चा नेता जिम्मेदारी लेने के लिए किसी और का इंतजार नहीं करता। उन्होंने आगे छात्रों से इन कमियों को आगे बढ़ने और उन्हें बदलने के अवसर के रूप में लेने का आग्रह किया।
मूर्ति ने कहा कि अपने आप को एक नेता के रूप में कल्पना करें और किसी और के इसे लेने की प्रतीक्षा न करें। वास्तविकता वह है जो आप इसे बनाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि युवाओं को व्यक्तिगत हितों से पहले समाज और राष्ट्र में बदलाव लाने की मानसिकता रखनी चाहिए। जीएम राव का उदाहरण देते हुए मूर्ति ने छात्रों से आग्रह किया कि वे जीएमआर समूह के अध्यक्ष से प्रेरणा लें और एक उद्यमी बनें और जब भी संभव हो रोजगार सृजित करें।
नारायण मूर्ति ने ये भी कहा, "गरीबी को दूर करने और कम सुविधा प्राप्त लोगों की मदद करने के लिए नौकरियों का सृजन ही एकमात्र समाधान है।" राव ने कहा कि मूर्ति देश भर के युवाओं के लिए प्रेरणा रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि आप मेरी टीम, सभी छात्रों और फैकल्टी के लिए एक प्रेरणा हैं। GMRIT को GMR ग्रुप के कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी डिवीजन GMR वरलक्ष्मी फाउंडेशन (GMRVF) द्वारा चलाया जाता है।