बिहार में जातीय गणना के आंकड़ों पर अब जदयू नेताओं ने भी उठाए सवाल, सरकारी कामकाज पर जताया संदेह
By एस पी सिन्हा | Updated: October 5, 2023 16:52 IST2023-10-05T16:51:24+5:302023-10-05T16:52:38+5:30
उधर, राज्य सरकार के भवन निर्माण मंत्री और मुख्यमंत्री के करीबी अशोक चौधरी ने गुरुवार को स्वीकार किया कि उनके पास भी जाति के लोगों के फोन आ रहे हैं।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
पटना:बिहार में जातीय गणना के आंकड़ों को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इसपर सवाल भी खड़े होने लगे हैं। सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों को अब तक विपक्ष ही गलत ठहरा रहा था। अब इसपर सत्ता पक्ष के लोग भी प्रश्न खड़ा करने लगे हैं। अब जदयू के सांसद और मंत्री ने भी जातीय गणना के आंकड़ों को गलत करार दिया है।
जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा है कि जातीय गणना में तेली समाज के लोगों के साथ गड़बड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि उनके समाज के लोग इस जातीय गणना को खारिज करते हैं।
सुनील कुमार पिंटू ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर को जातीय गणना की जो रिपोर्ट जारी की है, वह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वे तेली समाज के संयोजक हैं और उन्होंने सभी जिलों में अपने समाज के लोगों से बात की है।
सारे जिलों से ये जानकारी दी गई है कि कई जगहों पर तेली समाज के मोहल्ले और टोलों की गिनती ही नहीं की गयी और आंकड़े गढ़ लिये गए। पिंटू ने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट में तेली समाज की तादाद 2.81 परसेंट बताई गई है जो पूरी तरह से गलत है। इसलिए तेली समाज के लोग इस जातीय गणना को खारिज करते हैं।
सांसद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि वह फिर से जातीय गणना कराएं। अभी की गणना को तेली समाज के लोग नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट के खिलाफ 8 अक्टूबर को पटना में तेली समाज के लोगों को बुलायी गई है। इसमें सारे जिले के लोग शामिल होंगे, जो ये बतायेंगे कि कहां-कहां उनके समाज के लोगों की गिनती नहीं हुई।
इसका एक पूरा ड्राफ्ट तैयार कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिया जायेगा और उनसे मांग की जाएगी कि हमारे समाज की गणना फिर से कराई जाए। उधर, राज्य सरकार के भवन निर्माण मंत्री और मुख्यमंत्री के करीबी अशोक चौधरी ने गुरुवार को स्वीकार किया कि उनके पास भी जाति के लोगों के फोन आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम पासी जाति के हैं। हमारी जाति के लोगों का फोन आ रहा है कि उनकी संख्या कम बताई जा रही है। लेकिन, वह निजी तौर पर इस तरह के विवाद को गलत मान रहे हैं।