"अभी बात करने का सही समय नहीं है", चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए में शामिल होने की अफवाहों पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 16, 2023 07:16 IST2023-08-16T07:11:25+5:302023-08-16T07:16:24+5:30
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने की हो रही चर्चा के बीच कहा कि वह इस बारे में 'सही समय' पर बात करेंगे।

फाइल फोटो
विशाखापत्तनम:आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने की हो रही चर्चा के बीच कहा कि वह इस बारे में 'सही समय' पर बात करेंगे। नायडू ने एनडीए में शामिल होने की उनकी योजना के बारे में कहा, 'यह सही समय नहीं है बात करने का, जब समय आयेगा तो बात की जाएगी।'
समाचार एजेंसी एनआई से बात करते हुए नायडू ने कहा “यह एनडीए सरकार में शामिल होने के बारे में बात करने का समय नहीं है। मैं इस बारे में सही समय पर बात करूंगा।” राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के संस्थापकों में से एक रहे एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने साल 2018 में आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से केंद्र के इनकार के बाद एनडीए छोड़ दिया था।
लेकिन अब फिर से एनडीए के पाले में जाने की बात पर नायडू ने कहा कि 2024 में राष्ट्रीय राजनीति के लिए उनकी भूमिका बिल्कुल स्पष्ट है। उन्होंने कहा, “मेरी प्राथमिकता आंध्र प्रदेश है। यह मेरा बड़ा एजेंडा है कि मैं राज्य के पुनर्निर्माण के लिए तैयारी करूं।"
सीएम जगन रेड्डी द्वारा राजधानी को अमरावती ले जाने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए नायडू ने कहा, ''आप (सीएम जगन मोहन रेड्डी) विधानसभा में बैठे हैं। आप सचिवालय में बैठे हैं। आप कैबिनेट मीटिंग कहां कर रहे हैं? क्या यह अस्थायी है? जगन मोहन रेड्डी क्या बकवास कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "पिछले दस वर्षों से वे कार्य कर रहे हैं। सबको पता है। हमने आंध्र प्रदेश के लिए विश्व स्तरीय राजधानी की योजना बनाई। मैंने नौ वर्षों तक व्यवस्थित रूप से हैदराबाद के लिए सबसे अच्छे पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक की योजना बनाई थी।"
नायडू ने कहा, "विशेष रूप से जब एकीकृत आंध्र प्रदेश राज्य को जून 2014 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विभाजित किया गया था तो उस वक्त एपी पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार दराबाद तेलंगाना की राजधानी बन गया, और आंध्र प्रदेश को दस वर्षों के भीतर अपने लिए एक नई राजधानी ढूंढनी थी। तब तक हैदराबाद को दोनों राज्यों की राजधानी के रूप में काम करना था।"