दरभंगा की 'साइकिल गर्ल' ज्योति को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार सम्मान, परिवार में खुशी की लहर

By एस पी सिन्हा | Published: January 25, 2021 04:53 PM2021-01-25T16:53:26+5:302021-01-25T16:54:35+5:30

साइकिल गर्ल के नाम से चर्चित हुई दरभंगा की ज्योति को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा जा रहा है। ज्योति को मिल रहे पुरस्कार से पूरा परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

Now Cycle Girl Jyoti life has changed PM Modi rashtriya veerta puraskar | दरभंगा की 'साइकिल गर्ल' ज्योति को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार सम्मान, परिवार में खुशी की लहर

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlightsज्योति कुमारी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार योजना से सम्मानित हुई हैं। पुरस्कार के रूप में ज्योति को एक लाख रुपये का चेक और सर्टिफिकेट दिया गया है। लॉकडाउन में ज्योति पासवान अपने पिता को साइकिल से घर लेकर आई थी।

पटना,25 जनवरी। कोरोना काल में अपने पिता को दिल्ली से लेकर दरभंगा ले आने वाली लड़की को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 से सम्मानित किये जाने का निर्णय लिया गया है। यह पुरस्कार उस लड़की के लिए है, जिसने कोरोना काल में दुख तो झेला। लेकिन इस दुख के बाद जो खुशी और शोहरत मिली वो अपने आप में एक मिसाल है। 

दरभंगा की बेटी ज्योति कुमारी जिसे लोग आज साईकिल गर्ल के नाम से जानते हैं। गुरुग्राम से अपने बीमार पिता को साइकिल पर लेकर बिहार स्थित दरभंगा में अपने गांव लौटने वाली इस लडकी देश-दुनिया में साइकिल गर्ल के नाम से प्रख्यात हो चुकी है। उसे अब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया है। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 से सम्मानित होने की खबर सुनकर ज्योति के घर फिर एक बार उत्सवी माहौल है। 

ज्योति को तो मानो खुशी के पंख लग गए हैं। उसके परिवार के सारे सदस्य मां और पिता सहित सभी फूले नहीं समा रहे। उसके गांव सिरहुल्ली ही नहीं, सम्पूर्ण मिथिलांचल में खुशी की लहर है। ज्योति ने बताया कि उसने श्रद्धा भाव से अपने बीमार पिता की सेवा की और उनकी जान बचाने को साइकिल से घर पहुंचने का निर्णय लिया। इसमें वह सफल भी हो गई। उसे उसके सच्ची सेवा और साहसिक कर्म का ईनाम मिला है। 

यहां बता दें कि जिस ज्योति का परिवार लॉकडाउन से पहले तक महज एक कमरे में रहता था, वह आज तीन मंजिली इमारत का मालिक है। ज्योति के पिता मोहन पासवान खुद बताते हैं कि जब उनकी बेटी सिर्फ ज्योति थी और साइकिल गर्ल के नाम से मशहूर नहीं थी, तब उनका परिवार पूरी तरह से अभाव में जिंदगी जीता था। एक छोटे से कमरे में 9 लोगों का परिवार बमुश्किल गुजर-बसर कर रहा था। लेकिन लॉकडाउन ने पूरे परिवार के हालात भी बदल दिए। अब जबकि उसे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा जा रहा है, उसके परिवार के लोग फूले नही समा रहे हैं।

Web Title: Now Cycle Girl Jyoti life has changed PM Modi rashtriya veerta puraskar

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