27 नवम्बर को साथी की मौत, वियोग में लापता होकर कान्हा के जंगल पहुँचा हाथी, परसाटोला वन क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: December 7, 2020 19:35 IST2020-12-07T19:34:30+5:302020-12-07T19:35:35+5:30

छत्तीसगढ़-उड़ीसा के रास्ते से आकर दो साल से कान्हा के जंगल में रह रहे दो जंगली हाथी भटककर विगत 24 नवम्बर को जबलपुर वनमंडल की सीमा में पहुँच गए थे.

November 27 companion daeth missing wild elephant reached Kanha forest Rescue operation in Parsatola | 27 नवम्बर को साथी की मौत, वियोग में लापता होकर कान्हा के जंगल पहुँचा हाथी, परसाटोला वन क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन

हाथी की जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पकड़े जाने की कार्रवाई की गई. (file photo)

Highlights3 दिसम्बर को लापता हाथी कान्हा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में पहुँच गया था.एक हाथी की 27 नवंबर को जबलपुर जिले में विद्युत करंट से मृत्यु हो गई थी.

भोपालः छत्तीसगढ़ राज्य से आए दो जंगली हाथी में से एक हाथी को रविवार को मंडला जिले के परसाटोला वन क्षेत्र से पकडऩे में वन विभाग को सफलता प्राप्त हुई है.

इस हाथी को रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे उसी स्थान पर रखा गया है. वन विभाग के अमले द्वारा सोमवार को इस हाथी का परीक्षण कर किसली परिक्षेत्र के हाथी केम्प किसली बाड़े (काल) में रखने की व्यवस्था की जाएगी.

कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला के क्षेत्र संचालक एस.के. सिंह ने बताया कि दो जंगली हाथी छत्तीसगढ़ से लगातार विचरण के पश्चात मध्य प्रदेश में आए थे. इनमें से एक हाथी की 27 नवंबर को जबलपुर जिले में विद्युत करंट से मृत्यु हो गई थी. उस जंगली हाथी की जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पकड़े जाने की कार्रवाई की गई.

 कान्हा और पेंच के विशेषज्ञों की मौजूदगी में रेस्क्यू दल ने 6 हाथियों के दल के साथ जंगली हाथी की घेराबंदी की और उसे ट्रंक्युलाइज (बेहोशी का इंजेक्शन) किया, निश्चित मात्रा में बेहोशी की दवा देकर जंगली हाथी के पैरों में पहले बेडिय़ाँ पहनाई गईं और बाद में उसे रस्सियों से बाँधकर क्रॉल (हाथी को रखने वाला पिंजरा नुमा बाड़ा) में पहुँचा दिया गया.

दवा का असर खत्म होने के बाद जंगली हाथी कुछ देर के लिए बेचैन हुआ, लेकिन बाद में वह सामान्य स्थिति में पहुँच गया है, अब पकड़े गए जंगली हाथी को परीक्षण के बाद किसली परिक्षेत्र के हाथी कैम्प किसली बाड़े में रखकर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद वह दूसरे हाथियों के साथ पर्यटकों के बीच पहुँचेगा.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़-उड़ीसा के रास्ते से आकर दो साल से कान्हा के जंगल में रह रहे दो जंगली हाथी भटककर विगत 24 नवम्बर को जबलपुर वनमंडल की सीमा में पहुँच गए थे, लेकिन बदकिस्मती से 27 नवम्बर को ग्राम मोहास के पास शिकारियों द्वारा बिछाए गए करंट के तारों की चपेट में आकर एक हाथी की मौत हो गई थी, वहीं दूसरा हाथी लापता हो गया था, जिसको लेकर दो दिन तक बड़े स्तर पर जबलपुर से मंडला तक तलाशी अभियान चलाया गया था.

Web Title: November 27 companion daeth missing wild elephant reached Kanha forest Rescue operation in Parsatola

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