अधिक राख वाले कोयले के उपयोग पर अधिसूचना तकनीकी अध्ययन पर आधारित : केंद्र
By भाषा | Updated: August 21, 2021 15:52 IST2021-08-21T15:52:13+5:302021-08-21T15:52:13+5:30

अधिक राख वाले कोयले के उपयोग पर अधिसूचना तकनीकी अध्ययन पर आधारित : केंद्र
केंद्र ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को बताया है कि ताप विद्युत संयंत्रों को पहले की तुलना में अधिक राख सामग्री वाले कोयले का उपयोग करने की अनुमति देने वाली इसकी अधिसूचना तकनीकी अध्ययन पर आधारित और हितधारक मंत्रालयों के प्रतिवेदन के आलोक में जारी की गई है। पर्यावरण मंत्रालय और कोयला मंत्रालय द्वारा दायर एक संयुक्त जवाब में, उन्होंने कहा कि फ्लाई ऐश के उपयोग के लिए उत्सर्जन मानदंड और निर्देश अधिसूचित किए गए हैं जो थर्मल पावर प्लांट (टीपीपी) पर लागू होते हैं। एनजीटी को सूचित किया गया, “टीपीपी को पर्यावरणीय प्रभाव के नियंत्रण के लिए पहले से पर्यावरणीय मंजूरी (ईसी) लेनी होगी और ईसी की शर्तों का पालन करना होगा। 21 मई, 2020 की अधिसूचना निर्धारित मानदंडों के पालन की आवश्यकता को प्रभावित नहीं करेगी।” जवाब में कहा गया, “यदि कोयले में अधिक राख की मात्रा की अनुमति नहीं दी गई, तो राख की मात्रा को कम करने के लिए कोयले की धुलाई की आवश्यकता होगी और इस प्रक्रिया में, परिवहन में प्रदूषण के अलावा अधिक पानी बर्बाद होगा।” दोनों मंत्रालयों के वकील ने दलील दी कि परस्पर जुड़े मुद्दे उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं और अधिकरण के समक्ष समानांतर कार्यवाही उचित नहीं हो सकती है।दोनों पक्षों के वकील एनजीटी के समक्ष सहमत हुए कि यहां उठाए गए मुद्दे को उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित मामले में उठाया जा सकता है। हरित अधिकरण ने दलील पर गौर किया और याचिका का निपटान किया।
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