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CAA Protest: सिर्फ पूर्वोत्तर में रेलवे को विरोध प्रदर्शनों के चलते 100 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

By भाषा | Updated: January 1, 2020 16:10 IST

CAA Protest: मोटे तौर पर एनएफआर को 30 दिसंबर 2019 तक 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें दो रेलवे स्टेशनों को आग लगाने, रेल पटरियों, लेवल क्रॉसिंग गेटों को क्षतिग्रस्त करने तथा महत्वपूर्ण संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों को जलाये जाने से हुआ नुकसान शामिल है।

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ठळक मुद्देपूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने मंगलवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के चलते उसे 30 दिसंबर तक 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एस चंदा ने कहा कि यह नुकसान 9 दिसंबर से एनएफआर के तहत आने वाले क्षेत्रों में शुरू हुआ। 

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने मंगलवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के चलते उसे 30 दिसंबर तक 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एस चंदा ने कहा कि यह नुकसान 9 दिसंबर से एनएफआर के तहत आने वाले क्षेत्रों में शुरू हुआ। 

चंदा ने बताया कि एनएफआर को यह नुकसान सिर्फ प्रदर्शनकारियों के रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से ही नहीं हुआ है, बल्कि यात्री ट्रेनों और एक जोन से दूसरे जोन तक जाने वाली मालगाड़ियों के रद्द होने से भी हुआ है। 

उन्होंने कहा, "मोटे तौर पर एनएफआर को 30 दिसंबर 2019 तक 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें दो रेलवे स्टेशनों को आग लगाने, रेल पटरियों, लेवल क्रॉसिंग गेटों को क्षतिग्रस्त करने तथा महत्वपूर्ण संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों को जलाये जाने से हुआ नुकसान शामिल है।" 

चंदा ने बताया कि तिनसुकिया, कटिहार, लुमडिंग, रंगिया डिवीजनों में रेलवे की संपत्ति को लगभग 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस साल 9 से 30 दिसंबर तक यात्रियों से होने वाली आय में 30.13 करोड़ रुपये और माल ढुलाई से हुई आय में 63.42 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पार्सल आय में हुआ नुकसान 5.05 करोड़ रुपये है। 

चंदा ने कहा कि इस अवधि के दौरान ट्रेनें रद्द होने के चलते लगभग 38.86 लाख यात्री एनएफआर में सफर नहीं कर सके। असम में हुए जन आंदोलन को उसके इतिहास के सबसे हिंसक आंदोलनों में से एक माना जा रहा है जिसमें नौ दिसंबर से तीन रेलवे स्टेशनों, डाकघर, बैंक, बस टर्मिनस, दुकानें, दर्जनों वाहन और कई अन्य सार्वजनिक संपत्तियों में आग लगा दी गई या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। 

ब्रह्मपुत्र घाटी में सभी जिलों में अब भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी हैं। नागरिकता (संशोधन) विधेयक के संसद से पारित होने के बाद 11 दिसंबर से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से चार लोगों की मौत सुरक्षा बलों की गोलीबारी में हुई। 

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