शिकार के तीन अपराधों में दोषी व्यक्ति को उच्च न्यायालय से राहत नहीं

By भाषा | Updated: January 5, 2021 19:03 IST2021-01-05T19:03:38+5:302021-01-05T19:03:38+5:30

No relief from the High Court for a person convicted in three offenses | शिकार के तीन अपराधों में दोषी व्यक्ति को उच्च न्यायालय से राहत नहीं

शिकार के तीन अपराधों में दोषी व्यक्ति को उच्च न्यायालय से राहत नहीं

मुंबई, पांच जनवरी बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने शिकार के दोषी व्यक्ति को सुनाई गयी तीन अलग-अलग सजाओं को एक के बाद एक के बजाय एक साथ चलाने की अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा कि मनुष्य के खिलाफ अपराध का पता चल सकता है लेकिन जंगली पशुओं के खिलाफ अपराध का पता लगाना बहुत कठिन है और इससे सख्ती से निपटना होगा।

न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति पुष्पा गनेदीवाला की खंडपीठ ने सोमवार को वन्यजीवों के शिकार के तीन अपराधों में दोषी ठहराये गये 33 वर्षीय राहुल पारधी की याचिका खारिज कर दी।

राहुल को तीनों मामलों में अप्रैल से अगस्त 2017 के बीच तीन अलग-अलग मजिस्ट्रेट अदालतों ने तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई थी।

उसने तीनों सजाएं एक साथ चलाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। पारधी ने अदालत से उदारता दिखाने और सुधरने का मौका देने का आग्रह किया था।

हालांकि अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता एम के पठान ने याचिका का विरोध किया और कहा कि पारधी मध्य भारत में बाघों के शिकार के लिए कुख्यात एक गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा है। पठान ने कहा कि याचिकाकर्ता एक आदतन अपराधी था और और उसके सुधरने की गुंजाइश नहीं है।

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अगर पारधी को पहले रिहा किया भी जाता है तो उसके सुधरने की संभावना कम है।

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Web Title: No relief from the High Court for a person convicted in three offenses

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