झारखंड की जेलों में कोविड की दूसरी लहर से कोई मौत नहीं : जेल महानिरीक्षक

By भाषा | Published: May 31, 2021 07:38 PM2021-05-31T19:38:36+5:302021-05-31T19:38:36+5:30

No death due to second wave of Kovid in Jharkhand jails: Inspector General of Prisons | झारखंड की जेलों में कोविड की दूसरी लहर से कोई मौत नहीं : जेल महानिरीक्षक

झारखंड की जेलों में कोविड की दूसरी लहर से कोई मौत नहीं : जेल महानिरीक्षक

इन्दुकान्त दीक्षित

रांची, 31 मई झारखंड के जेल महानिरीक्षक ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में राज्य के किसी भी कारागार में कैदी या जेलकर्मी की मौत नहीं हुई है।

झारखंड के जेल महानिरीक्षक वीरेन्द्र भूषण ने ‘भाषा’ के साथ बातचीत में बताया कि राज्य की कुल 30 जेलों में लगभग 22 हजार कैदी बंद हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत से ही जेलों में कोविड-19 प्रोटोकॉल अपनाये गये सिर्फ ऑनलाइन मुलाकात सहित अन्य कदमों के कारण महामारी की दूसरी लहर में एक भी कैदी या जेलकर्मी की मौत नहीं हुई है।

भूषण ने बताया कि संक्रमण की दूसरी लहर में राज्य की जेलों में लगभग 275 कैदी संक्रमित हुए थे लेकिन अब सभी संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य की किसी भी जेल में कोविड-19 का कोई रोगी नहीं है।

उन्होंने बताया कि कोविड की पहली लहर में झारखंड की जेलों में संक्रमण से दो कैदियों की मौत हुई थी, लेकिन दूसरी लहर में कोई जनहानि नहीं हुई है।

जेलों में संक्रमण से कैदियों की सुरक्षा के लिए किए गये उपायों के बारे में पूछे जाने पर जेल महानिरीक्षक ने बताया कि जेल प्रशासन ने सबसे महत्वपूर्ण फैसला यह लिया कि मार्च 2020 से कैदियों से मिलने के लिए आने वाले लोगों की व्यक्तिगत मुलाकात बंद कर दी गयी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस साल हम मार्च से इस प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रहे थे, लेकिन दूसरी लहर के कारण हमने इसे स्थगित कर दिया।’’

अधिकारी ने स्पष्ट किया कि कैदियों से उनके परिचितों की मुलाकात सिर्फ ऑनलाइन हो रही है।

भूषण ने बताया कि न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने वाले नये कैदियों को लेकर भी कड़े नियम बनाए गए हैं और ऐसे बंदियों को जेल भेजने से पहले उनकी आरटीपीसीआर जांच करायी जाती है। जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें जेल में प्रवेश दिया जाता है।

उन्होंने बताया, ‘‘अगर ऐसे बंदियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनका इलाज कराया जाता है और संक्रमण मुक्त होने के बाद उन्हें जेल लाया जाता है। जेल में भी शुरुआत में उन्हें 14 दिनों के लिए पृथक-वास केन्द्र में रखा जाता है और फिर से उनकी जांच करायी जाती है।’’

जेल महानिरीक्षक ने दावा किया कि इन्हीं सख्तियों और कदमों के कारण ही दूसरी लहर में जेल में किसी की मौत नहीं हुई है।

भूषण ने एक सवाल के जवाब में बताया, ‘‘राज्य की सभी जेलों में बंद लगभग 22 हजार कैदियों में से लगभग 3500 का कोविड टीकाकरण हुआ है।’’

यह पूछे जाने पर कि अभी तक सभी कैदियों का टीकाकरण क्यों नहीं हो सका है, भूषण ने बताया, ‘‘हमने स्वास्थ्य विभाग को बता दिया है कि हम सभी कैदियों को टीका लगाने की स्थिति में हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने ही अब तक जेल प्रशासन को कुल 3500 खुराक ही कोविड-19 के टीके उपलब्ध करायी हैं जिसके चलते इतने ही कैदियों को टीका लगाया जा सका है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘झारखंड के सरायकेला जिला जेल में सभी कैदियों और जेल कर्मियों का टीकाकरण किया जा चुका है। सरायकेला की जेल में लगभग 350 कैदी और डेढ़ सौ जेलकर्मी हैं।’’

उन्होंने कहा कि हजारीबाग जेल में अब तक टीकाकरण का काम प्रारंभ ही नहीं हो सका है क्योंकि वहां जेल प्रशासन को कोई टीका अबतक उपलब्ध नहीं कराया गया है।

भूषण ने बताया कि झारखंड की जेलों में कैदियों के टीकाकरण का काम अप्रैल में शुरु हुआ था। राज्य की राजधानी रांची स्थित बिरसा मुंडा जेल का विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि यहां कुल लगभग 3600 कैदी बंद हैं जिनमें से लगभग पांच सौ कैदियों का टीकाकरण कर दिया गया है। जेल में तैनात 400 जेलकर्मियों का टीकाकरण हुआ है।

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Web Title: No death due to second wave of Kovid in Jharkhand jails: Inspector General of Prisons

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