नई दिल्ली, 20 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्ष द्वारा पेश किए गये अविश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा उनकी सीट पर आकर गले मिलने पर चुटकी लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को इस कुर्सी तक पहुँचने की जल्दी है। पीएम मोदी ने राहुल पर निशाना साधते हुए दीक्षित दानकौरी का शेर पढ़ा, "न मांझी , न रहबर ,न हक़ में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर ये कैसा सफ़र है।" पीएम मोदी ने अपने भाषण में संस्कृत श्लोक भी पढ़ा- 'धारा नैव पतंति चातक मुखे मेघस्य किंतु क्षणम।' (चातक पक्षी के मुख में बारिश की बूँदें सीधे नहीं पड़तीं तो इसमें बादल का क्या दोष?)
1- अड़ा भी हूँ, खड़ा भी हूँ
पीएम मोदी ने राहुल का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि वो 15 मिनट बोलेंगे तो मैं खड़ा नहीं रहा पाऊँगा, आज मैं खड़ा भी हूँ और अपनी सरकार द्वारा चार साल में किए गये कामों पर अड़ा भी हूँ।
2- अविश्वास प्रस्ताव सरकार का नहीं, विपक्षी एकता का
पीएम मोदी ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव सरकार के खिलाफ नहीं है बल्कि कांग्रेस के सहयोगियों का जबरदस्ती लिया गया टेस्ट है।
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3- सवा सौ करोड़ बैठाती है पीएम की कुर्सी पर
प्रधानमंत्री की सीट पर पहुँचकर राहुल गांधी द्वारा गले मिलने पर पीएम मोदी ने कहा, "जिनको यहाँ (प्रधानमंत्री की कुर्सी पर) पहुँचने का उत्साह है, उठो उठो उठो। यहाँ ना कोई उठा सकता है ना बैठा सकता है, सिर्फ सवा सौ करोड़ देशवासी ये कर सकते हैं। "
4- अविश्वास प्रस्ताव ने दिया अपनी बात रखना का मौका
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि "कइयों के मन में यह प्रश्न है कि अविश्वास प्रस्ताव लाया क्यूँ गया? ना तो संख्या है, ना सदन में बहुमत है, फिर सदन में इस प्रस्ताव को क्यूँ लाया गया।" प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "हमको तो अपनी बात कहने का मौका मिल ही रहा है पर देश को यह भी देखने को मिल गया कि कैसी नकारात्मक राजनीति ने कुछ लोगों को घेर के रखा हुआ है, कैसे विकास के प्रति विरोध का भाव है।"
5- शिव की भक्ति और 2024 में अविश्वास प्रस्ताव
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि बीजेपी ने उन्हें शिव की, हिन्दू का अर्थ समझाया। राहुल के बयान पर चुटकी लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं भी भगवान शिव से प्रार्थना करता हूँ, देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों से प्रार्थना करता हूँ कि 2024 में आप फिर से अविश्वास प्रस्ताव ले आएँ। पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि मेरी आपको शुभकामनाएं हैं।
6- कांग्रेस को लोकतांत्रिक संस्थाओं में नहीं भरोसा
पीएम मोदी ने कि कांग्रेस को चुनाव आयोग, सर्वोच्च अदालत, भारतीय रिजर्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं तक में विश्वास नहीं है। पीएम मोदीन ने कहा इन्हें किसी चीज में यकीन नहीं है।
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7- डोकलाम पर बचकाना बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को उन्हीं मुद्दों पर बोलना चाहिए जिनकी उन्हें जानकारी हो। पीएम मोदी ने राहुल पर कटाक्ष करते हुए कहा, "हर जगह बचकाना हरकत करते रहोगे क्या?"
8- राफेल डील पर गैर-जिम्मेदार बयान
पीएम मोदी ने राफेल डील पर राहुल गांधी के लगाये आरोप का जवाब देते हुए कहा, "सत्य को इस प्रकार से कुचला जाता है, सत्य को इस प्रकार से रौंदा जाता है। और बार बार चीख चीख कर देश को गुमराह किया जाता है। सुरक्षा से जुड़े विषयों पर देश को गुमराह किया जाता है। ये कितना दुखद है कि सदन से जुड़े विषयों पर दूर देश को बयान जारी करना पड़ा और दोनों देशों को खण्डन करना पड़ा।" पीएम मोदी ने कहा राफेल डील का समझौता दो देशों की सरकारों के बीच हुआ है और ये पूरी तरह पारदर्शी समझौता है।
9- कांग्रेस ने विपक्षी नेताओं को अपमानित किया
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह, चंद्र शेखर, इंद्र कुमार गुजराल, एचडी देवगौड़ा और मुलायम सिंह यादव जैसे नेताओं को अपमानित किया है। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दो-दो बार विश्वास मत प्राप्त करने के लिए वोट खरीदने का काम किया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस रस्सी को ढील देकर खींच लेने की राजनीति करती रही है।
10- आँख में आँख न डालने की वजह
हम कौन होते हैं जो आपकी आँख में आँख डाल सकें। गरीब माँ का बेटा, पिछड़ी जाति में पैदा हुआ। आपतो नामवर हैं, हम तो कामवर हैं। आपकी आँख में आँख डालने की हिम्मत नहीं है। हम आपकी आँख में आँख में नहीं डाल सकते।इतिहास गवाह है कि सुभाष चंद्र बोस, मोराराजी जयप्रकाश नारायण, सरदार पटेल, चरण सिंह, चंद्र शेखर, प्रणब मुखर्जी के आँख में आँख डालने की वजह से उनके साथ क्या किया गया? इतना ही नहीं हमारे शरद पवार जी ने भी आँख में आँख डालने की कोशिश की थी उनेक साथ क्या किया गया। पीएम मोदी ने राहुल गांधी ने संसद में अपने साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया को आँख मारी थी। इस पर पीएम मोदी ने कहा, "आँखों की बात करने वालों की आँखों की हरकतों का खेल आज टीवी पर पूरे देश ने देखा।"
11- चौकीदार भी हैं, भागीदार हैं
मैं गर्व से कहना चाहता हूँ कि हम चौकीदार भी हैं, भागीदार भी हैं लेकिन आपकी तरह सौदागर नहीं हैं। हम भगीदार हैं देश के नौजवानों के सपनों के भागीदार हैं, किसानों के भागीदार हैं, देश को विकास की राह पर ले जाने वाले मेहनतकश मजदूरों के भागीदार हैं। हम निभाएंगे, हम ठेकेदार नहीं हैं, हम सौदागर नहीं हैं, हम चौकीदार भी हैं, ठेकेदार भी हैं।
12- तेलंगाना की समस्याओं के लिए कांग्रेस जिम्मेदार
अटलजी ने उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड तीन राज्य बनाए। ये विभाजन शांतिपूर्वक हुए। इन राज्यों में आज खुशहाली है। कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश का विभाजन किया और उनका काम शर्मनाक है।
13- एनपीए की लैंडमाइन
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में बैंकों के नॉन पर्फार्मिंग एसेट (एनपीए) विस्तार से सरकार का पक्ष रखा। पीएम मोदी ने कहा-
हम 2014 में आए थे तब कई लोगों ने कहा था कि इकोनॉमी पर व्हाइट पेपर लाया जाए। लेकिन जब हम बैठे और शुरू सब जानकारियाँ आने लगीं तो हम चौंक गये कि अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति कर गए। आज मैं एनपीए की कहानी सुनाना चाहता हूँ। इस कहानी की शुरुआत हुई 2008 में, 2009 में चुनाव था। कांग्रेस को लगा था कि अब एक साल बचा था, जितनी बैंक खाली कर सकते हो करो। फिर बैंकों को खाली करने का काम 2009 से 2014 तक चलता रहा। जब तक कांग्रेस सत्ता में थी बैंकों को लूटने का खेल चलता रहा। एक आंकड़ा सदन के लोगों को भी चौंका देगा। आजादी के 60 साल में हमारे देश की बैंकों ने लोन के रूप में जो राशि दी थी वो 18 लाख करोड़ थी। लेकिन 2008 से 2014, छह साल में यह राशि 18 लाख से 52 लाख करोड़ हो गयी। और ये छह साल में जो साठ साल में जो हुआ था उसे डबल कर दिया। दुनिया में इंटरनेट देर में आए लेकिन कांग्रेस को लोग ऐसे बुद्दिमान हैं, दुनिया में इंटरनेट आने से पहले, भारत में टेलीफोन बैंकिंग शुरू हुआ। और टेलीफोन बैंकिंग का कमाल था कि छह साल में अपने चेहतों लोगों को 18 लाख से 52 लाख। अपने चहेते लोगों को फोन करके लोन दे दो, एक लोन भरने के समय आया दूसरी लोन दे दो। देश एनपीए के जंजाल में फंस गया। यह एनपीए का जल लैंडमाइन की तरह बिछाया गया था। हमने एनपीए की पारदर्शिता से जाँच की। हम इसमें गहराई से गये और इसका जाल गहराता गया।
यूपीए सरकार ने कइ ऐसे फैसले लिए जिसकी वजह से कैपिटल गुड्स की आयात की बढ़ोतरी की गई। यह कच्चे तेल के आयात के बराबर हो गया। कैपिटल गुड्स का आयात बैंकों की क्रेडिट के तौर पर की गयी। एक तरफ से कस्टम ड्यूटी और सरकार के टैक्स में कमी की गयी, दूसरी तरफ कुछ नए टैक्स बनाए गए जो टैक्स सरकार के खाते में नहीं जाते थे। इन टैक्स के कारण सारे प्रोजेक्ट क्लीयर करने में देरी हुई, बैंकों के लोन क्लीयर करने में देरी हुई और एनपीए बढ़ता गया। पीएम मोदी ने कहा कि 50 हजार से ज्याद एनपीए अकाउंट की जांच की गयी है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने एनपीए पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनका लाभ देश को आने वाले सालों में मिलेगा।
14- हिंसा की निंदा और कार्रवाई
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के किसी भी नागरिक के खिलाफ हिंसा की घटना राष्ट्र के लिए शर्म की बात है। पीएम मोदी ने कहा, "जहाँ भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं राज्य सरकारें कार्रवाई कर रही हैं। आज फिर इस सदन के माध्यम से मैं राज्य सरकारों से अपील करूँगा कि वो ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करें।"
15- सर्जिकल स्ट्राइक बनाम जुमला स्ट्राइक
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कहकर कांग्रेस ने सेना का अपमान किया है। पीएम मोदी ने कहा, "आप सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कहते हैं। आप मुझे चाहे जितनी गाली दे लें लेकिन देश के जवानों का अपमान करना बंद करें। मैं सेना का अपमान नहीं सह सकूँगा।"
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