भारत की संपत्तियों को ‘बेचने’ की योजना है एनएमपी: वाम दल
By भाषा | Published: August 26, 2021 07:59 PM2021-08-26T19:59:42+5:302021-08-26T19:59:42+5:30
देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि यह भारत की संपत्तियों को बेचने की योजना है जो ‘विनाशकारी’ साबित होगी। माकपा ने अपने मुखपत्र ‘पीपुल्ल्स डेमोक्रेसी’ के एक संपादकीय में कहा, ‘‘भाजपा के अगुवाई वाली राजग सरकार ने भारत के सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने की योजना की घोषणा की है।’’ उसने यह भी कहा कि इस कदम की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बड़ी ही सरलता से प्रमुख मुद्दों को टाल गईं। वामपंथी पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि इस योजना के तहत कुछ चुनिंदा कारोबारियों को फायदा पहुंचाना है। भाकपा ने एक बयान में कहा कि एनएमपी केंद्र सरकार की ‘जन विरोधी आर्थिक नीतियों’ के क्रम में उठाया गया एक कदम है। पार्टी महासचिव डी राजा ने आरोप लगाया, ‘‘यह विनाशकारी है। हम सभी जानते हैं कि यह मौद्रिकरण सरकारी संपत्तियों को बेचने और निजीकरण करने से ठीक पहले का कदम है। सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियां जारी हैं।’’ गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) की घोषणा की। इसके तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मौद्रिकरण शामिल हैं। इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाये जायेंगे और संपत्तियों का विकास किया जायेगा। निजी निवेश हासिल करने के लिए चेन्नई, भोपाल, वाराणसी एवं वडोदरा सहित भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के करीब 25 हवाई अड्डे, 40 रेलवे स्टेशनों, 15 रेलवे स्टेडियम और कई रेलवे कॉलोनियों की पहचान की गयी है। इन्हें निजी क्षेत्र के निवेश से विकसित किया जायेगा।
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