नीतीश ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर बिहार के संबंध में नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाया

By भाषा | Updated: October 4, 2021 23:05 IST2021-10-04T23:05:11+5:302021-10-04T23:05:11+5:30

Nitish questioned the report of NITI Aayog in relation to Bihar on the health sector | नीतीश ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर बिहार के संबंध में नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाया

नीतीश ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर बिहार के संबंध में नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाया

पटना, चार अक्तूबर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर बिहार के संबंध में नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए सोमवार को कहा कि प्रदेश में हुए कार्यों पर गौर किये बिना रिपोर्ट जारी कर देना ठीक नहीं है।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री से नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल किया गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार में जो भी काम हो रहा है उसकी रिपोर्ट नीति आयोग को हमेशा भेजी जाती रही है, ऐसे में आकलन किए बगैर रिपोर्ट जारी कर देना उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि बिहार आबादी के दृष्टिकोण से देश में उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के बाद तीसरे नंबर पर है जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से 12वें नंबर पर है। बिहार में प्रति वर्ग किलोमीटर आबादी देश में सबसे ज्यादा है। बिहार की इन परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा।

उन्होंने कहा कि बिहार को लेकर एक रिपोर्ट भी पहले हमने पढ़ी थी कि बिहार के गरीब परिवारों को भोजन से ज्यादा इलाज पर खर्च करना पड़ता है। पहले बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। ‘‘लेकिन हमारी सरकार में स्थिति सुधरी है।’’

उन्होंने कहा कि पहले बिहार के सरकारी अस्पतालों में काफी कम लोग इलाज कराने जाते थे। अस्पतालों में बेड पर मरीज की जगह कुत्ते बैठे रहते थे। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एक महीने में औसतन 39 लोगों का इलाज होता था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से काम किया। हमने पी०एच०सी० और अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ-साथ दवा की मुफ्त व्यवस्था उपलब्ध करायी। अब पी०एच०सी० में एक महीने में औसतन 10 हजार मरीजों का इलाज होता है।’’

नीतीश ने कहा, ‘‘हम नीति आयोग की बैठकों में बहुत सारी बातों को पहले ही कह चुके हैं। नीति आयोग पूरे देश के बारे में एक ही तरह की बातें कह देता है। नीति आयोग सारे देश को अगर एक ही प्रकार का मान कर चल रहा है तो यह विचित्र बात है। आज के दिन महाराष्ट्र से बिहार की तुलना नहीं की जा सकती है। सबसे धनी राज्य की तुलना सबसे गरीब राज्य से नहीं हो सकती है।’’

उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर बिहार सरकार अपना जवाब भेज देगी कि यह उपयुक्त नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कई मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों और विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गयी है। नीति आयोग को यह पता नहीं है कि ‘‘हमलोग पी०एम०सी०एच० को 5,400 बेड का अस्पताल बना रहे हैं और काम शुरू कर दिया है। चार साल के भीतर काम पूरा होने पर यह देश का सबसे बड़ा अस्पताल होगा।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘17 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हमने 33 लाख टीकाकरण का लक्ष्य पूरा किया। बापू के जन्मदिन पर 35 लाख से ऊपर टीकाकरण करने के लक्ष्य की तुलना में पूरे राज्य में भारी बारिश के बावजूद 30 लाख से ज्यादा टीकाकरण हुआ।’’

नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार जिला अस्पतालों की स्थिति पर एक अध्ययन में सबसे निचले स्थान पर है। देश में प्रति एक लाख की आबादी पर औसतन जहां 24 बेड हैं, पुडुचेरी 222 बेड के साथ सूची में सबसे ऊपर है जबकि बिहार राज्य में प्रति एक लाख की आबादी पर केवल छह बेड उपलब्ध हैं।

कोरोना से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा मिलने में परेशानी होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिये। अगर आपलोगों को इस संबंध में कोई जानकारी मिलती है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचना दीजिए।

उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण अगर किसी की मृत्यु हुई है तो 4 लाख रुपये की सहायता राशि शुरू से दी जा रही है, और अब केन्द्र भी 50 हजार रुपये दे रहा है।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक झड़प में किसानों की मौत को लेकर पूछे गए सवाल पर नीतीश ने कहा कि इस घटना की जानकारी मुझे मिली है। वहां जो भी घटना हुई है उस पर उत्तर प्रदेश प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी चाहिए।

बिहार में जातीय जनगणना कराने को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘इस संबंध में मैंने पहले भी कई बार अपनी राय रखी है। हमलोगों की राय है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए। इस पर केंद्र सरकार विचार कर निर्णय ले। बिहार की 10 पार्टियों के शिष्टमंडल ने इस संबंध में प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपनी बातें रखी थी।

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Web Title: Nitish questioned the report of NITI Aayog in relation to Bihar on the health sector

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