'विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार नहीं रहेंगे मुख्यमंत्री, राजनीति से ले लेंगे संन्यास': प्रशांत किशोर ने की भविष्यवाणी
By एस पी सिन्हा | Updated: June 29, 2025 16:28 IST2025-06-29T16:28:36+5:302025-06-29T16:28:36+5:30
प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी ऐलान कर दिया है कि यदि उनकी बात सच नहीं हुई तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे।

'विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार नहीं रहेंगे मुख्यमंत्री, राजनीति से ले लेंगे संन्यास': प्रशांत किशोर ने की भविष्यवाणी
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी गहमागहमी के बीच जनसुराज पार्टी के संरक्षक प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी ऐलान कर दिया है कि यदि उनकी बात सच नहीं हुई तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि जदयू को इस चुनाव में 25 सीटें भी नहीं मिलेंगी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में 60 फीसदी से ज्यादा लोग बदलाव चाहते हैं। अगले दो महीनों में यह साफ हो जाएगा कि ये लोग किसे वोट देंगे? क्या वे फिर से उन पर भरोसा करेंगे जिन्होंने पहले उन्हें निराश किया है या किसी नए विकल्प को चुनेंगे? किसी भी हाल में नवंबर के बाद बिहार को नया मुख्यमंत्री मिलेगा। मैं यह लिखकर दे सकता हूं।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पूरा बिहार जानता है कि नीतीश कुमार की हालत ऐसी नहीं है कि वह बिहार को संभाल सकें। वह मंच पर पीएम मोदी का नाम तक भूल जाते हैं। राष्ट्रगान बजने पर उन्हें समझ नहीं आता कि यह राष्ट्रगान है या कव्वाली।
पिछले एक साल में उन्होंने मीडिया से बात तक नहीं की। जब वह खुद की देखभाल करने की स्थिति में नहीं हैं तो बिहार की देखभाल कैसे करेंगे? अगर हमें यह पता है, तो क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को नहीं पता?
उन्होंने कहा कि भाजपा अभी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए मजबूर है। भाजपा नीतीश कुमार को इसलिए बनाए हुए हैं ताकि चुनाव तक व्यवस्था चलती रहे। उनके पास बिहार में अपने दम पर चुनाव लड़ने का न आत्मविश्वास है और न ही तैयारी। इसीलिए वे नीतीश कुमार का बोझ उठा रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव के बाद जदयू का अस्तित्व ही सवालों में घिर जाएगा। नीतीश कुमार की स्वीकार्यता 60 फीसदी से घटकर 16-17 फीसदी रह गई है। जदयू के पास कोई कैडर नहीं है, उसके पास सिर्फ नीतीश कुमार थे और अब वह भी नहीं रहे।