नीतीश कुमार ने कहा, 'जदयू का कोई नेता अब मोदी कैबिनेट में नहीं होगा शामिल'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 7, 2022 09:23 PM2022-08-07T21:23:45+5:302022-08-07T21:27:06+5:30

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक से किनारा करते हुए पटना में कहा कि जदयू अब केंद्र की मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होगी।

Nitish Kumar said, 'No JDU leader will now be included in the Modi cabinet' | नीतीश कुमार ने कहा, 'जदयू का कोई नेता अब मोदी कैबिनेट में नहीं होगा शामिल'

फाइल फोटो

Highlightsनीतीश कुमार ने ऐलान किया कि अब जदयू का कोई नेता मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगाजदयू से मोदी सरकार में शामिल होने वाले आखिरी नेता आरसीपी सिंह थे, जिन्होंने कल पार्टी छोड़ दीनीतीश कुमार आरसीपी सिंह की बगावत के कारण मोदी सरकार से दूरी बनाकर चल रहे हैं

पटना:बिहार में सत्ताधारी भाजपा-जदयू गठबंधन की भीतरखाने चल रही लड़ाई अब सतह पर तैरती हुई नजर आ रहा है। इसका ताजा उदाहरण इस बात से मिलता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान कर दिया है कि अब जदयू का कोई नेता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा।

जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक से किनारा करते हुए पटना में स्पष्ट शब्दों में कहा कि जदयू अब केंद्र की मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होगी। नीतीश कुमार की पार्टी से मोदी सरकार में शामिल होने वाले आखिरी नेता आरसीपी सिंह थे। जिन्हें राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के कारण इस्तीफा देना पड़ा था और उसके बाद से ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू कोटा खाली है।

वहीं बीते शनिवार को आरसीपी सिंह द्वारा जदयू से अलग होने की घोषणा करने के बाद बिहार की राजनीति अपने चरम पर है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने कहा कि पार्टी से आरसीपी सिंह का बाहर निकलना पहले से तय था क्योंकि उनका शरीर यहां था लेकिन आत्मा कहीं और विचरण कर रही थी।

इतना ही नहीं ललन सिंह ने यह भी कहा कि केंद्र में मंत्री रहते हुए आरसीपी सिंह की महत्वाकांक्षा काफी बड़ी हो गई है और उसे पूरा करने के लिए वो जदयू से निकलना चाहते थे लेकिन उन्हें कोई बहाना मिल नहीं रहा था, जब बहाना मिला तो उन्होंने देर नहीं की।

इसके साथ ही जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने यह भी कहा, "हम आज भी साल 2019 के अपने रुख पर कायम हैं, जब लोकसभा चुनाव के बाद हमने फैसला किया था कि केंद्र में सरकार में भागिदार नहीं बनेंगे।"

हालांकि, जदयू और भाजपा के बीच चल रही उठापटक के बारे में मौन साधते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक तो सब ठीक है, किसी तरह की कोई दरार नहीं है। बिहार के विकास के लिए सभी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

ललन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने के बारे में कहा कि चूंकि वो अभी भी कोरोना दुर्बलता के शिकार हैं, ऐसे में उनका दिल्ली जाना संभव नहीं था। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी जगह प्रतिनिधि को भेजने की बात कही थी, जिसे केंद्र की ओर से नकार दिया गया।

मालूम हो कि बीते कुछ समय से बिहार में सत्ताधारी जदयू-भाजपा गठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते कुछ समय से बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के कथित आक्रामक रवैया से बेहद आहत हैं। वो कई बार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से उन्हें हटाने की बात तह चुके हैं लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया। संख्याबल में भाजपा से काफी पीछे नीतीश कुमार सीएम की गद्दी पर बैठे तो हैं लेकिन कई कारणों से उन्हें एहसास हो रहा है कि भाजपा ने उन्हें बड़े भाई के तौर पर खारिज कर दिया है।

यही कारण है कि बिहार में भाजपा के सहयोग से सरकार चला रहे नीतीश कुमार ने एनडीए की ओर से बनाई गईं भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दिल्ली में आयोजित शपथ समारोह से दूरी बनाकर रखी। कोरोना के कारण होम क्वारंटीन में चल रहे नीतीश कुमार को इस बात की भी नाराजगी है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम में पहुंचे थे तो वहां भी उन्हें वो तवज्जों नहीं मिली, जिसकी उन्हें उम्मीद थी।

हाल में बिहार पुलिस ने पटना के नजदीक फुलवारी शरीफ में कुछ संदिग्धों को आतंकी गतिविधियों के आरोप में पकड़ा, बिहार पुलिस अभी मामले की जांच कर रही थी कि केंद्र सरकार ने यह मामला एनआईए को सौंप दिया और नीतीश कुमार को इस बात की जानकारी तब हुई जब एनआईए की टीम बिहार पुलिस के मुख्यालय पहुंची और उनसे जांच से संबंधित सारे मामले अपने पास ले लिया।

जानकारी के मुताबिक बिहार पुलिस की कार्रवाई के बीच एनआईए की हुई दस्तक से भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हैं। रही सही कसर बिहार भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों का बयान पूरा कर दे रहा है। बिहार के मौजूदा सियासी हालात को देखते हुए यह तो स्पष्ट है कि नीतीश कुमार सरकार भले ही चला रहे हैं लेकिन वो अपने सहयोगी भाजपा से उतने संतुष्ट नहीं हैं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: Nitish Kumar said, 'No JDU leader will now be included in the Modi cabinet'

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