'गरीब बिहार' का राग अलापने वाली नीतीश सरकार एक कन्वेंशन सेंटर पर हर माह खर्च करती है करोड़ रुपये, RTI में खुलासा

By एस पी सिन्हा | Updated: December 25, 2021 17:35 IST2021-12-25T17:35:40+5:302021-12-25T17:35:40+5:30

बिहार के आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के रख रखाव में हो रहे खर्च की जानकारी मांगी गई थी. इस पर सामने आई जानकारी हैरान करने वाली है.

Nitish Kumar govt spends crores rupees every month on a convention center | 'गरीब बिहार' का राग अलापने वाली नीतीश सरकार एक कन्वेंशन सेंटर पर हर माह खर्च करती है करोड़ रुपये, RTI में खुलासा

फाइल फोटो

पटना: बिहार को गरीब प्रदेश बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के द्वारा विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. ऐसे में इस गरीब प्रदेश में एक कन्वेंशन सेंटर के रखरखाव पर हर माह एक करोड़ रूपये से की राशि खर्च की जा रही है. 

इतना ही नहीं बिहार के बाहर की कंपनी को टेंडर में तय राशि से अधिक का भुगतान किया जा रहा. आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है.

बिहार के आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय के द्वारा भवन निर्माण विभाग से राजधानी पटना स्थित सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के रख रखाव में हो रहे खर्च की जानकारी मांगी गई थी. इसके बाद भवन निर्माण विभाग ने जो जानकारी दी है वह चौंकाने वाली है. 

झारखंड की कंपनी को मिला है रखरखाव का जिम्मा

17 नवंबर 2021 को पटना भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने जो जानकारी दी है, उसमें बताया गया है कि 2018-19 में कन्वेंशन सेंटर के रखरखाव पर 13 करोड़ 36 लाख 98 हजार की राशि खर्च की गई थी. वहीं 2019-20 में यह खर्च बढकर 14 करोड़ 32 लाख 31 हजार 331 रूपये हो गई. जबकि 2020-21 के नवंबर महीने तक 13 करोड 70 लाख 81 हजार 101 रुपए का खर्च किया गया है. 

इस खर्च में उपस्करों के मेंटेनेंस, एसी का खर्च, फायर फाइटिंग और 5 अलार्म सिस्टम, लिफ्ट मेंटेनेंस, डीजी सेट, ऑडियो वीडियो सिस्टम एवं अन्य के रखरखाव पर राशि खर्च की गई है.

भवन निर्माण विभाग के द्वारा दी गई जानकारी में यह बताया गया है कि इसके रखरखाव की जिम्मेवारी झारखंड की राजधानी रांची की एक कंपनी को दिया गया है. उस कंपनी को हर साल 12 करोड़ 35 लाख 94 हजार 550 रूपये पर कार्य आवंटित की गई है. लेकिन 2018 से लेकर अब तक कंपनी को तय राशि से अधिक दी जा रही है. 

टेंडर में तय राशि से अधिक का भुगतान 

इस साल हर महीने अशोक कन्वेंशन सेंटर के रखरखाव पर करीब डेढ करोड़ की राशि खर्च हो रही है. इस संबंध में शिवप्रकाश राय ने कहा कि बिहार जैसे गरीब प्रदेश में एक सेंटर के रखरखाव पर हर महीने डेढ़ करोड रूपये की राशि खर्च किया जाना आश्चर्यजनक है. इतना ही नहीं जो जानकारी दी गई है उसमें टेंडर में तय राशि से अधिक का भुगतान किया जा रहा है. यह भी एक बड़ा सवाल है.

सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि बिहार की सरकार ने राज्य के किसी भी कंपनी को इस लायक नहीं समझा और राज्य से बाहर की कंपनी को यह काम सौंपा. 

शिवप्रकाश राय ने सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में बाहरी राज्य की कंपनी ही काम करती है. ऐसे में बिहार के लोग गरीब नहीं रहेंगे और पलायन नहीं करेंगे तो और क्या होगा? 

उन्होंने कहा कि ऐसे ही कारणों के चलते अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार हर क्षेत्र में पिछडा है. गरीबी से बाहर निकालने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी फिर से विशेष राज्य का राग अलाप रही है. मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे कि हमारा राज्य पिछडा है और बगैर विशेष राज्य का दर्जा दिये यहां तरक्की नहीं हो सकती है. जबकि उसी राज्य में उद्योग धंधा में पैसा लगाने के बजाए अनावश्यक रूप से पैसों को पानी की तरह बहाया जा रहा है.

Web Title: Nitish Kumar govt spends crores rupees every month on a convention center

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