बजरंग दल मामले पर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण- कांग्रेस भगवान हनुमान की चुनावी भक्त है
By मनाली रस्तोगी | Updated: May 10, 2023 11:23 IST2023-05-10T11:21:53+5:302023-05-10T11:23:49+5:30
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम हमेशा हनुमान चालीसा पढ़ते हैं और बजरंगबली की पूजा करते हैं, लेकिन वे (कांग्रेस) चुनाव के दौरान ऐसा करते हैं।"

बजरंग दल मामले पर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण- कांग्रेस भगवान हनुमान की चुनावी भक्त है
बेंगलुरु: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बेंगलुरु में वोट डालने के बाद कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूर्ण बहुमत से जीतेगी। मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री ने केवल चुनाव के दौरान भगवान हनुमान की पूजा करने के लिए कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने कहा, "हम हमेशा हनुमान चालीसा पढ़ते हैं और बजरंगबली की पूजा करते हैं, लेकिन वे (कांग्रेस) चुनाव के दौरान ऐसा करते हैं।"
सीतारमण ने कहा, "घोषणा पत्र में उन्होंने इसका उल्लेख किया है, यह मूर्खता की मिसाल है।" उन्होंने कर्नाटक में भाजपा की जीत पर भी भरोसा जताया। उन्होंने कहा, "भाजपा पूर्ण बहुमत से जीतेगी। आज आप सब देख रहे हैं; सभी यहां वोट डालने आ रहे हैं।डबल इंजन से कर्नाटक में स्टार्टअप, बिजनेस और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा। जब यूपीए के शासन में महंगाई बहुत थी।"
#WATCH | On Bajrang Dal-Bajrang Bali row during #KarnatakaElections, FM Sitharaman says, "We always read Hanuman Chalisa and offer prayers to Bajrang Bali, but they (Congress) do this during the election...They mentioned that in their manifesto, this is an example of stupidity." pic.twitter.com/J4Wxf4xSua
— ANI (@ANI) May 10, 2023
अपनी बात को जारी रखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "सीएम बोम्मई ने महंगाई को कम करने के लिए भी काम किया और पीएम मोदी का जादू सिर्फ कर्नाटक ही नहीं बल्कि पूरे देश में चलेगा।" कर्नाटक में वोटिंग की प्रक्रिया जारी है। इस साल राज्य के 58,545 मतदान स्थलों पर कुल 5,31,33,054 मतदाता मतदान करने के योग्य हैं, जहां 2,615 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
राज्य में 38 साल से चली आ रही सत्ता विरोधी लहर को तोड़ने और लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में अपने कुछ शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारा है। इस बार भाजपा ने अपनी 224 उम्मीदवारों की सूची में 50 नए चेहरों को चुनाव लड़ाकर मौका लिया है, जबकि जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, वे जेडीएस और कांग्रेस पार्टियों में चले गए।