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निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांडः जेल नंबर तीन में शिफ्ट हुए चारों दोषी, उन्हें फांसी पर लटकाया जाना है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 16, 2020 20:45 IST

जेल अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मामले में आरोपी विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी को फांसी दी जानी है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय को बताया था कि एक दोषी की दया याचिका लंबित होने के मद्देनजर फांसी को स्थगित किया जाना चाहिए।

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ठळक मुद्दे‘‘ हमनें चारों दोषियों को जेल संख्या तीन में स्थानांतरित कर दिया है, जहां पर फांसी दी जानी है।’’उन्होंने बताया कि अभी तक विनय शर्मा को तिहाड़ की जेल संख्या चार में रखा गया था।

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड के चारों दोषियों को गुरुवार को तिहाड़ जेल परिसर के कारावास नंबर तीन में स्थानांतरित किया गया जहां उन्हें फांसी पर लटकाया जाना है।

जेल अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मामले में आरोपी विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी को फांसी दी जानी है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय को बताया था कि एक दोषी की दया याचिका लंबित होने के मद्देनजर फांसी को स्थगित किया जाना चाहिए।

जेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ हमने चारों दोषियों को जेल संख्या तीन में स्थानांतरित कर दिया है, जहां पर फांसी दी जानी है।’’ उन्होंने बताया कि अभी तक विनय शर्मा को तिहाड़ की जेल संख्या चार में रखा गया था जबकि मुकेश और पवन जेल संख्या दो में रखे गए थे। 

निर्भया मामला: दिल्ली की अदालत में चश्मदीद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग

वर्ष 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक के पिता ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत का रुख किया और इस मामले में एकमात्र चश्मदीद गवाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार करने वाले आदेश को चुनौती दी।

पवन कुमार गुप्ता के पिता हीरा लाल गुप्ता ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा के समक्ष आवेदन किया। याचिका में अदालत से दिल्ली पुलिस को निर्देश देने के लिए कहा गया है कि वह पीड़िता के मित्र और चश्मदीद गवाह के खिलाफ कथित रूप से पैसे लेकर विभिन्न टेलीविजन समाचार चैनलों को साक्षात्कार देने के लिए प्राथमिकी दर्ज करे। सत्र अदालत में इस मामले में 27 जनवरी को सुनवाई होगी।

ऐसी ही एक याचिका को मजिस्ट्रेट अदालत ने छह जनवरी को खारिज कर दिया था। प्रत्यक्षदर्शी पीड़िता के साथ बस में था, जब यह वीभत्स घटना हुई और उसे भी गंभीर चोट आईं। याचिकाकर्ता के वकील ए पी सिंह ने कहा है कि हाल में कुछ मीडिया रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि गवाह ने विभिन्न समाचार चैनलों पर आने के लिए पैसे लिए।

इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि गवाह के इस कृत्य से “मीडिया ट्रायल के चलते” मुकदमा प्रभावित हुआ। शिकायत में कहा गया है, “इसमें झूठी गवाही की एक स्वतंत्र जांच की जरूरत है, जो ऐसा लगता है कि उसने (गवाह) दी। एकमात्र गवाह होने के चलते उसकी गवाही ने मुकदमे के परिणाम को बहुत अधिक प्रभावित किया है, जिसके चलते अभियुक्तों को मौत की सजा मिली।”

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