निर्भया के दोषियों को माफ करने की बात कहने वाली इंदिरा जयसिंह पर भड़की बीजेपी, कहा- आम आदमी पार्टी की हैं बेहद करीबी
By रामदीप मिश्रा | Updated: January 19, 2020 15:35 IST2020-01-19T15:35:18+5:302020-01-19T15:35:18+5:30
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि 2017 के जुलाई महीने में निर्भया के गुनहगारों को सजा होती है और 2017 से 2019 तक 2 साल में दिल्ली सरकार ने गुनहगारों को इस सजा की सूचना ही नहीं दी। 2 साल तक आम आदमी पार्टी ने जेल प्रशाशन के माध्यम से गुनहगारों को ये सुचना क्यों नहीं दी?

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वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां से आग्रह किया कि वह कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की तरह उदाहरण पेश करते हुए उन चार दोषियों को माफ कर दें जिन्हें 2012 में उनकी पुत्री से बलात्कार एवं हत्या के लिए फांसी की सजा सुनवायी गई है। उनके इस बयान पर बीजेपी ने रविवार (19 जनवरी) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हमला बोला।
बीजेपी नेता सरोज पांडे ने कहा कि इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां से अपील की है कि वो इन दोषियों को माफ़ कर दें। वो एक महिला भी हैं और कानूनी दावंपेंच समझती भी हैं, लेकिन इसके साथ साथ निर्भया की मां का दर्द उन्हें छूता नहीं है। उनको कहीं न कहीं ये विचार करना चाहिए था कि उस बच्ची की मां से आपको ये अपील करनी भी चाहिए या नहीं।
उन्होंने कहा कि इंदिरा जयसिंह का इतिहास वो जग जाहिर है। आम आदमी पार्टी के साथ उनका संबंध भी जगजाहिर है, जब बात खुलेगी तो बहुत लम्बी जाएगी। उन्हें इस प्रकार की बात कहने से पहले कई बार सोचना चाहिए था, हम इसकी निंदा करते है। मेरा मत है कि हम सब देश की हजारों महिलाएं जो बहुत आशा के साथ न्याय की उम्मीद करती हैं और न्यायपालिका ने इतने जद्दोजहद के बाद न्याय के करीब पहुंचाया है तो, एक महिला जिसने राजनीति की पराकाष्ठा पर अपनी बात कही है, मैं इस पराकाष्ठा की निंदा करती हूं।
वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, '2017 के जुलाई महीने में निर्भया के गुनहगारों को सजा होती है और 2017 से 2019 तक 2 साल में दिल्ली सरकार ने गुनहगारों को इस सजा की सूचना ही नहीं दी। 2 साल तक आम आदमी पार्टी ने जेल प्रशाशन के माध्यम से गुनहगारों को ये सुचना क्यों नहीं दी? दिल्ली के उप मुख्यमंत्री कहते है कि हमारे पास पुलिस विभाग नहीं है, इसलिए हम ऐसा नहीं कर सके। जेल विभाग राज्य सरकार के अंतर्गत आता है और ये सुचना उन गुनहगारों तक पहुँचाने का काम जेल प्रशासन का है, पुलिस का नहीं। पूरे देश के राजनीतिक इतिहास में किसी पार्टी के द्वारा इस प्रकार के गुनहगारों की सजा को टलवाने का और फिर उन्हें बचाने का कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता। इससे पूरा देश स्तब्ध है।'
शाजिया इल्मी ने कहा, इंदिरा जयसिंह आम आदमी पार्टी की बहुत करीबी रही हैं। जब दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली का एडमिनिस्ट्रेटिव हेड एलजी ही होंगे, तो उस पूरे मामले में आम आदमी का प्रतिनिधित्व इंदिरा जयसिंह ने ही किया है। हम ये जानना चाहते है कि अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की जनता को बताये कि जो वकील इस समय दोषियों के साथ खड़ी है, उसे जनता के पैसों से कितनी फीस दी गयी।
आपको बता दें कि निर्भया कांड के चारों दोषियों को सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले में एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दिया जाना तय किया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में नलिनी श्रीहरण को फांसी की सजा सुनायी गई थी। सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया गया था। सोनिया गांधी ने इस आधार पर दया का आग्रह किया था कि उसकी एक पुत्री है जिसका जन्म जेल में हुआ था।