Nidhi Tewari: 2014 बैच की IFS अधिकारी बनीं पीएम मोदी की नई निजी सचिव, जानें उनके बारे में
By रुस्तम राणा | Updated: March 31, 2025 15:25 IST2025-03-31T15:25:48+5:302025-03-31T15:25:48+5:30
निधि तिवारी नवंबर 2022 से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उप सचिव के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले, उन्होंने विदेश मंत्रालय के निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के प्रभाग में अवर सचिव के रूप में काम किया था।

Nidhi Tewari: 2014 बैच की IFS अधिकारी बनीं पीएम मोदी की नई निजी सचिव, जानें उनके बारे में
नई दिल्ली: 2014 बैच की भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी सचिव नियुक्त किया गया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इस नियुक्ति को मंजूरी दे दी है, जिसकी आधिकारिक घोषणा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने की है।
निधि तिवारी नवंबर 2022 से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उप सचिव के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले, उन्होंने विदेश मंत्रालय के निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के प्रभाग में अवर सचिव के रूप में काम किया था। 29 मार्च को जारी डीओपीटी ज्ञापन के अनुसार, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने तिवारी की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी।
तिवारी ने 2013 में सिविल सेवा परीक्षा पास करके अपने करियर की शुरुआत की। रिपोर्ट के अनुसार, इस परीक्षा को पास करने से पहले, उन्होंने वाराणसी में सहायक आयुक्त (वाणिज्य कर) के रूप में काम किया और साथ ही साथ सिविल सेवा की तैयारी भी की।
Nidhi Tewari appointed as Private Secretary to Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/erpTlJfjfn
— Press Trust of India (@PTI_News) March 31, 2025
#ConstitutionDay reading of the #Preamble in different official languages of India.
— India in Austria (@IndiainAustria) November 26, 2021
Smt. Nidhi Tewari reads in English.#AzadiKaAmritMahotsav#UnityinDiversity#SamvidhanDiwas#JanBhagidari@DrSJaishankar@JaideepMazumder@MEAIndia@PMOIndia@IndianDiplomacy@mpa_indiapic.twitter.com/XV3I6V8Mql
पीएमओ में उप सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को रिपोर्ट करते हुए 'विदेश और सुरक्षा' वर्टिकल में काम किया। उनके फोकस क्षेत्रों में विदेशी मामले, परमाणु ऊर्जा, सुरक्षा मामले और राजस्थान से संबंधित मुद्दे शामिल थे। पीएमओ में उनके तीन से अधिक वर्षों के अनुभव ने उन्हें इस महत्वपूर्ण नई जिम्मेदारी के लिए तैयार किया है।